संदिग्ध परिस्थितियों में पिता की मौत पर मां व मामा के खिलाफ पुत्र ने लिखाई रिपोर्ट

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कायमगंज (फर्रुखाबाद) :  कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सलेमपुर दूंदेमई में एक अधेड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाने से मौत हो गयी। अधेड़ व्यक्ति के पुत्र ने अपनी ही मां व मामा के खिलाफ हत्या की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी है। पति पत्नी में जेबरात को लेकर विवाद बताया जा रहा है।
कोतवाली क्षेत्र के गांव सलेमपुर दूंदेमई निवासी 55 वर्षीय इकबाल अहमद पुत्र अब्दुल रहमान सुबह को जब काफी देर तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकले, तो उनकी पत्नी व अन्य परिजनों को उनकी चिंता हुयी और वे उन्हें बुलाने के लिए उनके कमरे की तरफ गये, तो कमरे का दरवाजा बंद था। छोटे लडके ने अपने पिता इकबाल को आवाज दी। लेकिन उसे कोई प्रतियुत्तर नहीं मिला। तब उसने कमरे की खुली खिडकी से अन्दर झांका। अन्दर का दृश्य देखकर उसके हाथपैर फूल गये। उसने देखा कि उसके पिता इकबाल कमरे के कुण्डे में मंफलर के सहारे फांसी के फंदे पर झूल रहे हैं। तब गुलशान ने दौड़कर अपनी मां व अन्य परिजनों को आवाज देकर बुलाया और दरवाजे को तोड़कर कमरे में घुस गया। इकबाल को फांसी पर तडपते देखकर उसकी पत्नी नूरजहां दहाडे मारकर रो पडी। चीख पुकार सुनकर गांव वालों की भारी भीड जमा हो गयी। अपने तडपते पिता को छोटे पुत्र गुलशान ने उसे नीचे उतारा और आनन फानन में नगर के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने बताया कि इनकी मृत्यु हो चुकी है। घटना के सम्बन्ध में पुलिस को सूचित किया गया। सूचना पर कोतवाली प्रभारी पीतम सिंह व एसएसआई राजेन्द्र घटना स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने लोगों से घटना बाबत पूंछतांछ की। लाश का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

इकबाल के बडे पुत्र रूखसार का कहना है कि पिछले काफी दिनों से मेरी मां नूरजहां व मेरे पिता इकबाल के बीच कीमती जेवर की चोरी को लेकर विवाद चल रहा था। मेरी मां का आरोप है कि जमीन में गढे़ जेवर की जानकारी केवल उनके पति इकबाल व स्वयं उसको थी। इसके अलावा अन्य किसी व्यक्ति को जेवर के सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं थी। फिर 5 मार्च को कैसे चुर गया। जबकि परिवार के सभी लोग रिश्तेदार की शादी में शामिल होने गये थे। घर पर केवल इकबाल ही रह गये थे। इसलिए नूरजहां का शक अपने पति इकबाल पर ही जाता था। इसी कारण दोनों के बीच विवाद चल रहा था। जबकि इकबाल अपनी पत्नी द्वारा लगाये गये चोरी के आरोप को झूठा बता रहे थे।

घटना से एक दिन पूर्व सोमवार को नूरजहां व इकबाल में जमकर झगडा फंसाद हुआ और इकबाल ने अपनी पत्नी नूरजहां को जमकर पीटा। जिसमें नूरजहां चुटहल हो गयी। इस सम्बन्ध में नूरजहां ने यह बात दिल्ली में रह रहे अपने छोटे पुत्र गुलशान को फोन से बतायी और गुलशान से गांव आने के लिए कहा। जिस पर गुलशान मंगलवार की सुबह गांव पहुंचा। इसी के साथ नूरजहां ने अपने तीनों भाइयों रफी आलम, शमी आलम, खुर्शीद आलम पुत्रगण जाफर खां निवासी नगला महमूद जिला एटा को भी मोबाइल द्वारा सूचित कर घर बुलाया। जिस पर तीनों सोमवार को दोपहर जा पहुंचे। जहां इन्होने दोनों की बात सुनी और अपनी बहन को घायल देखकर वह काफी गुस्से में नजर आये तथा इकबाल से कहा कि इन्हें क्यों मारते पीटते हो। इस पर इकबाल ने कहा कि तुम लोग यहां से भाग जाओ, यह हम लोगों का निजी मामला है। अगर नहीं गये तो तुम लोग भी पिटोगे। अपने बहनोई की बात सुनकर तीनों अपनी बहन नूरजहां को साथ लेकर कोतवाली कायमगंज पहुंचे। जहां इन्होंने पुलिस से मौखिक फरियाद की। पुलिस ने कहा कि हम लोग मामले को देखने आयेंगे और नूरजहां अपने भाइयों को पुनः साथ लेकर घर पहुंच गयी। गांव के ही सम्भ्रान्त व्यक्तियों ने सभी को समझा बुझाकर मामले को रफादफा कर दिया।

बडे पुत्र रूखसार ने अपनी मां नूरजहां व अपने मामा रफी आलम, समी आलम, खुर्शीद आलम के विरूद्ध लिखित तहरीर दी है। जिसमें उसने बताया कि मेरी मां का पक्ष लेते मेरे तीनों मामा ने मेरे पिता इकबाल से काफी बूरा भला कहा था और जान से मारने की धमकी दी थी।