फर्रुखाबाद: गूजरपुर के ग्रामीणों की मानें तो थाना कंपिल क्षेत्र के अन्तर्गत चौकी चौकी इंचार्ज शिवारा आर डी बाजपेयी द्वारा दबंगों से रुपये लेकर उन्हें खुली छूट दे देने से सारी घटना ने एक विशाल रूप धारण किया। फायरिंग के बाद जैसे ही चौकी इंचार्ज गूजरपुर में पहुंचे तो ग्रामीणों ने जमकर मारपीट कर दी। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने कंपिल थानाध्यक्ष रामस्वरूप से भी हाथापाई कर दी।
बीते मंगलवार को अखिलेश मिश्रा व उनके पुत्र सिंटू, पिंटू, टिल्लू, पवन, मिल्लन, सिल्लन से गांव के ही यादव समुदाय से विवाद हो गया था। जिसके बाद बीच बचाव न करने से खिसियाये अखिलेश व उनके पुत्रों ने शाक्य समुदाय के सियाराम शाक्य व उनके परिजनों से मारपीट करनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं सियाराम शाक्य के घर की महिलाओं से दबंग घरों में घुसकर उनकी बेइज्जती की व जेबर इत्यादि भी उतरवा ले गये। जब इस बात की सूचना सियाराम, शिशुपाल इत्यादि ने चौकी इंचार्ज आर डी यादव से की तो उन्होंने कोई कार्यवाही न कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
ग्रामीणों का आरोप था कि चौकी इंचार्ज ने अखिलेश मिश्रा से 10 हजार रुपये लेकर उन्हें सियाराम व उनके परिजनों को पीटने की खुली छूट दे दी। जिसके बाद ही अखिलेश मिश्रा ने अपने पुत्रों के साथ मिलकर सियाराम के घर में घुसकर ज्यादती करनी शुरू कर दी। विरोध करे बाद उन्होंने नवल किशोर की पत्नी मुन्नी देवी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया वहीं सियाराम, शिशुपाल व वेदराम को गोली मारकर घायल कर दिया।
गोलीबारी की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज आर डी यादव ने पहुंचते ही सियाराम व उनके परिजनों को हड़काना शुरू कर दिया कि सारी गलती तुम्हारी है इसी बजह से तुम्हें गोली मारी गयी। भड़के ग्रामीणों ने चौकी इंचार्ज पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुम ने अखिलेश मिश्रा से 10 हजार रुपये लेकर उन्हें छूट दे दी। सब आपकी बजह से हुआ है। इस पर चौकी इंचार्ज ने कहा कि ‘‘तो क्या हो गया’’। इसी बात पर ग्रामीणों ने चौकी इंचार्ज को पीटना शुरू कर दिया। पिटायी से चौकी इंचार्ज के मुहं से खून आ गया। इसके बाद सूचना पर पहुंचे कंपिल थानाध्यक्ष से भी ग्रामीणों ने हाथापाई कर दी।
सूचना कायमगंज क्षेत्राधिकारी को दी गयी। जिसके बाद कायमगंज कोतवाली प्रभारी सहित भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची व महिला मुन्नीदेवी के शव का पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।