सर्राफ लूट काण्डः अखिर हरनाम को थाने से भागा क्‍यों, और इच्छाराम अदालत तक पहुंचा कैसे ?

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फर्रूखाबादः दीपावली से एक दिन पूर्व नेकपुर पुल पर सरे शाम एक सर्राफ को गोली मारकर लूट लिये जाने की वारदात में मात्र चार टुटपुंजियों को रविवार को मीडिया के सामने पेश कर पुलिस ने जिस नकारात्‍मक जिजीविशा का परिचय दिया वह आपने आप में उल्‍लेखनीय है। मजे की बात है कि पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में न तो थाने भागे अभियुक्‍त हरनाम का कहीं उल्‍लेख किया गया और न ही मुख्‍य मास्‍टर माइंड इच्‍छा राम का कोई जिक्र किया गया। रही सही कसर आज इच्‍छा राम के कोर्ट में हाजिर हो जाने ने पूरी कर दी।

एक बडा सबाल यह  खडा हो गया कि आखिर कौन है इच्छाराम और उसे पुलिस क्यो बचाने का प्रयास कर रही है? यह अब बडा सवाल बनता जा रहा है। बताते चले कि पुलिस हिरासत में मौजूद अभियुक्‍तों के अनुसार सर्राफा सन्तोष वर्मा के साथ हुई लूट की बारदात का पूरा ताना बाना पक्का पुल निवासी इच्छाराम ने ही बुना था। यही नही उस ने ही सन्तोष के पडोसी दुकानदार सर्राफा अशोक से धटना को अन्जाम देने का ठेका भी लिया था। इच्छाराम ने ही अमित श्रीवास्तव निवासी रकावगंज मउदरवाजा गगन वर्मा, लालाराम वाथम निवासी सेनापति,सुशील मित्रा निवासी शहजहॉपुर,को ही घटना के लिये तैयार भी किया था जिसके इशारे पर घटना को अन्जाम भी दिया गया। इन सब बातो के बाद भी पुलिस के सरकारी प्रेस नोट तक मे उसका नाम नही दिया गया। और नही उसका नाम अन्त तक पुलिस कि जबान पर आया। रविवार कि रात जव पुलिस आरोपियो से पुछताछ कर रही थी तभी एक आरोपी हरनाम पुलिस व एसओजी के सयुक्त घेरे को भेद कर रफूचक्कर हो गया था जिसने अनायास ही पुलिस कि भुमिका को सन्दिग्ध हो गयी।थाने से भागे आरोपी को पुलिस ने दबिश के दौरान भागने कि बात कि पुष्टी कि है थाने से नही।
सोमबार को पुलिस कि मिली भगत के चलते मुख्य आरोपी इच्छाराम अदालत मे हाजिर हुआ जहॉ से उसे जेल भेज दिया गया। था।कुल मिलाकर अभी आरोपीअशोक,आलोक,सानू,दादा,राहुल तथा हरनाम अभी भी पुलिस कि पहुच से दूर है।