फर्रुखाबाद: परिंदों में फिरका परस्ती क्यों नहीं होती-कभी मंदिर पर जा बैठे कभी मस्जिद पर जा बैठे। कुछ ऐसा ही मंजर रविवार को तब नजर आया जब शहर के चीनीग्रान मोहल्ले में रविवार को साध्ना किन्नर ने चांदी का ताजिया उठाया। किराना मस्जिद से इमामबाड़े तक निकले जुलूस पर लोगों ने मेंहदी चढ़ा कर मन्नतें भी मानी़।
होली, दीपावली, र्इद और मोहर्रम को एक जैसी अकीदत से मनाने वाले किन्नर समुदाय के लोगों ने रविवार को चांदी का ताजिया निकाला। हाजी साधना किन्नर ने बताया कि मोहल्ले में स्थित इमामबाड़ा लगभग 60 वर्ष पुराना है। उन्होंने बताया कि हमारे समुदाय के लोग सभी धर्मों के त्योहार पूरी श्रृद्धा से मनाने का रिवाज है। बजुर्गों के समय से चली आ रही परंपरा को आज भी पूरा समुदाय पूरी अकीदत से मनाता है। कार्यक्रम में रंगोली, रेखा, छोटी, सुंदरी, महताब आदि किन्नर मौजूद रहे।