6000 करोड़ से अधिका का है पांटी का साम्राज्य

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कभी यूपी में गन्ना पेराई का काम देखने वाले पॉन्टी चड्ढा के परिवार का साम्राज्य आज 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है इसलिए सालों से इस ग्रुप की कमाई पर सवालिया निशान लगता रहा है। माया के करीबी होने की वजह से पॉन्टी चड्ढा विपक्ष के भी निशाने पर रहे। ये आरोप तब और गहरा गया जब माया सरकार ने मार्च 2009 में यूपी के अहम जिलों में शराब की होलसेल और रीटेल सप्लाई का ठेका पॉन्टी चड्ढा की कंपनी को दे दिया। तब से उत्तर प्रदेश के 6000 करोड़ के शराब कारोबार पर पॉन्टी चड्ढा का ही कब्जा है।

एक इंटरव्यू में पॉन्टी चड्ढा ने कहा था कि शराब का उनका कारोबार 6 राज्यों में फैला हुआ है। इन 6 राज्यों में शराब के कारोबार से उन्हें 4 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई। यकीनन इस कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा यूपी से ही आया। शराब के कारोबार के अलावा पॉन्टी चड्ढा को उत्तर प्रदेश की बीमार चीनी मिलों से भी जमकर कमाई हुई। साल 2010 में माया सरकार ने राज्य की 11 चीनी मिलों को पॉन्टी चड्ढा के ग्रुप को बेच दिया।

इन 11 चीनी मिलों के लिए पॉन्टी के ग्रुप ने रकम चुकाई 276 करोड़ रुपए लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया कि इन चीनी मिलों की असल कीमत 1 से 1.5 हजार करोड़ रुपए थी। इस वक्त यूपी सरकार पर ये भी आरोप लगा कि जिन 11 चीनी मिलों को घाटे में बताकर बेचा गया वो दरअसल घाटे में थी ही नहीं। कांग्रेस ने तब इस घोटाले की सीबीआई जांच की भी मांग की थी।

पूरे विवाद से अलग पॉन्टी चड्ढा का ग्रुप जिसे अब वेव इंक का नाम दे दिया गया है लगातार अलग-अलग राज्यों में अपना जाल फैलाता जा रहा है। अगर मॉल और मल्टीप्लेक्स की बात करें तो सेंटरस्टेज मॉल-नोएडा, वेव मॉल-गाजियाबाद, वेव मॉल-लखनऊ, वेव मॉल-लुधियाना, वेव मॉल-मुरादाबाद और वेव सिनेमा-राजौरी गार्डन, दिल्ली सभी पॉन्टी चड्ढा के ही ग्रुप के हैं।

इसके अलावा पॉन्टी चड्ढा का ग्रुप रियल एस्टेट में भी लगातार आगे बढ़ रहा है। हजारों एकड़ जमीन पर वेव ग्रुप के रिहायशी प्रोजेक्ट बन रहे हैं। इनमें खास है गाजियाबाद में 4800 एकड़ में वेव हाई-टेक सिटी, मोहाली में 264 एकड़ में फेयरलेक्स प्रोजेक्ट, मुरादाबाद में 52 एकड़ में वेव ग्रीन्स प्रोजेक्ट, ग्रेटर नोएडा में 29 एकड़ में प्लूमेरिया गार्डेन प्रोजेक्ट और जयपुर में 125 एकड़ में कारा टाउन प्रोजेक्ट।

पॉन्टी चड्ढा की कंपनी फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन के धंधे में भी लगी हुई है। इसके अलावा पंजाब में तीन चीनी मिलें और डिस्टलरी, उत्तराखंड और यूपी में पेपर मिल, पंजाब में दो बॉटलिंग प्लांट भी पॉन्टी चड्ढा के ग्रुप के नाम हैं।