मौसम बदलते ही बीमारियों का अम्बार, सरकारी अस्पतालों में नहीं जुकाम तक की दवाई

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कमालगंज (फर्रुखाबाद): दिन में तेज धूप व सुबह शाम को हल्की सर्दी होने की बजह से जुखाम, बुखार, मलेरिया इत्यादि की बीमारियों ने हर घर में प्रवेश कर दिया है। जिससे अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लग रही है। वहीं सरकारी अस्पतालों में सामान्य जुखाम बुखार तक की दवाई न मिलने से गरीब असहाय लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कमीशनखोरी के चलते सरकारी अस्पतालों के डाक्टर गरीबों को बाहर से दवाई लेने के लिए पर्चे लिख रहे हैं। जिस दवा को बाहर से लेने में असमर्थ होने पर गरीब चुपचाप अपने घरों को लौट जाना ही मुनासिब समझ रहे हैं।

हल्की सर्दी के साथ ही मौसम ने तेजी के साथ करवट बदलना शुरू कर दिया है। दिन में रंगीन धूप तो रात में सिहरन भरी सर्दी से लोगों को स्वास्थ्य बचाना टेड़ी खीर हो रही है। बीमारियों से सतर्क रहने के बाद भी लगभग हर घर में कोई न कोई खांसी, जुकाम, बुखार का मरीज आपको मिल ही जायेगा। जिससे डाक्टरों के यहां मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। जिसका फायदा उठाकर डाक्टर भी मरीजों से औने पौने दाम वसूलने में मसगूल हैं। गली मोहल्ले व ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डाक्टरों ने भी अपनी दुकानों को बड़े ही रौब के साथ सजा कर रखा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ डाक्टर तो झोले में दवाइयों को भर कर घर घर मरीजों को दवाई बांटते देखे जा सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तो बड़े घोटाले व भ्रष्टाचार से ही फुर्सत नहीं है।

जनपद के अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्यकेन्द्रों का हाल यह है कि सामान्य जुकाम बुखार तक की दवाई गरीबों के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रही है। वैसे भी सरकारी अस्पतालों की स्थिति खराब देखते हुए साधन सम्पन्न या कहें मध्यम वर्गीय व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाना पसंद नहीं करता है। सरकारी अस्पतालों में वही व्यक्ति अपना इलाज करवाने पहुंच रहे हैं जिनके पास प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए समस्या है। लेकिन उनकी समस्या को दरकिनार कर अस्पताल के डाक्टर कमीशनखोरी के चक्कर में अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोरों से दवाई लेने के लिए लिख देते हैं। जिससे गरीब व असहाय लोग हताश होकर दवाई खरीदे बगैर ही अपने घरों को वापस लौट जाते हैं।

ऐसा ही एक मामला कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र का है जहां पर कमालगंज निवासी नकी अहमद जुखाम व बुखार की दवा लेने पहुंचा तो उसको अस्पताल से मात्र लाल पीली गोलियां दे दी गयी और वृद्व को बाहर मेडिकल से सीरप लेने के लिए लिख दी। जिस पर वृद्व ने दवाई व सीरप बाहर से खरीद तो ली लेकिन स्वास्थ्य विभाग की इस कारगुजारी को कोसते हुए अपने घर को चला गया।
शासन के सख्त निर्देश होने के बाद भी डाक्टर कमीशनखोरी के चलते बाज नहीं आ रहे। कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र में डा0 जुबैर, डा0 कामिनी मरीजों को देखकर एलोपैथिक दवाई लिख रहीं है जबकि यह डाक्टर आयुर्वेदिक हैं। जोकि आम जनता के जीवन से बेखौफ होकर खिलवाड़ कर रही है।

इस सम्बंध में एमओआईसी श्रीप्रकाश से फोन पर वार्ता की तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी नहीं है। अगर कोई डाक्टर बाहर की दवाई लिख रहा है तो उसके विरुद्व कार्यवाही की जायेगी।