कायमगंज( फर्रुखाबाद): वर्ष 92-93 प्राथमिक विद्यालय अल्लाहपुर के नाम से स्वीकृत भवन उसी गांव के मजरा मदारपुर में बनाया गया था। बाद में ग्रामीणों के विरोध व रोष को देखते हुए सांसद सलमान खुर्शीद ने सांसद निधि से एक स्कूल अल्लाहपुर में भी बनवा दिया। अब मदारपुर के नाम से दोबारा विद्यालय भवन निर्माण की धनराशि आ गयी तो कमीशन मरता देख पुराने भवन को रातों रात मिस्मार कर दिया गया। ग्रामीणों की मानें तो इसके पीछे मतदान केंद्र की राजनीति भी है।
यह स्कूल 1992-93 में महेन्द्र सिंह यादव निवासी शम्भू नगला ने बनवाया था। कई वर्षों तक यहां कक्षाऐं भी संचालित हुईं। चूंकि स्कूल का नाम प्राथमिक विद्यायल अल्लाहपुर था, व यह स्थित ग्राम मदारपुर में था, इसलिये अल्लाहपुर के लोगों ने इस पर ऐजराज जताया। इसके चार पांच साल बाद सांसद निधि से एक स्कूल अल्लाहपुर में भी बन गया, व मदारपुर में चल रहीं कक्षायें अल्लाहपुर में स्थानांतरित कर दी गयीं। कक्षायें स्थानांतरित हो जाने के बावजूद मतदान केंद्र मदारपुर में ही बना रहा। क्यों कि निर्वाचन आयोग में तो मतदान केंद्र की चोहद्दी दर्ज थी, इसलिये उसे इतनी आसानी से बदला जाना संभवन नहीं था। इसी दौरन बेसिक शिक्षा विभाग में मदारपुर के नाम से एक विद्यायल भवन के लिये धनराशि आ गयी। भवन प्रभारी नियुक्त कर दिया गया। परंतु पुराना भवन गले की हड्डी बना हुआ था। सो रातों रात यह भवन जेसीबी से ढहा दिया गया है।
बुधवार को कोतवाली क्षेत्र के गांव मदारपूर मजरा अल्लाहपुर निवासी परशुराम, सिपाहीलाल, रामसरन, भगत दयाल, टीकाराम, अरविन्द, उदयवीर, उमेश, नत्थूलाल, ग्यादीन, महावीर सिंह, वीरसिंह आदि ने तहसील परिसर में पहुंचकर जिलाधिकारी के नाम सम्बोधित एक शिकायती पत्र उपजिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल को सौंपा। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि बिना अनुमति के सरकारी विद्यालय भवन गिरा दिया गया है। जबकि एबीएसए साहब कहते हैं कि उस स्थान पर विद्यालय सरकारी रिकार्ड में कभी था ही नहीं। मास्टर ध्रुव सिंह व प्रधान संजीव कुमार ने दिनांक रात में जेसीबी मशीन लाकर बिना किसी सरकारी अनुमति के यह विद्यालय भवन तोड़ दिया। एबीएसए की हेडमास्टर व ग्राम प्रधान सांठगांठ है।
उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की एसडीएम कायमगंज द्वारा जांच करायी जाये। जिससे ग्रामवासियों को न्याय मिल सके एवं मास्टर व प्रधान के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये। आदि लोग मौजूद रहे।