बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को ताज कॉरिडोर केस में बहुजन सोमवार को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में दायर सभी जनहित याचिकाओं (पीआईएल) को खारिज कर दिया है। अब मायावती के खिलाफ इस केस में मुकदमा नहीं चलेगा।
न्यायाधीश इम्तियाज मुर्तजा और अश्विनी कुमार सिंह की पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि याचिकाओं में कोई दम नहीं है और इसीलिए वे खारिज की जाती हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके कैबिनेट सहयोगी नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ भी याचिकाओं को खारिज कर दिया। बसपा नेता और मायावती के वकील सतीश चंद्र मिश्रा ने अदालत में दाखिल याचिकाओं को ‘राजनीति से प्रेरित’और ‘गलत नीयत’ से दाखिल की गई करार दिया था। अदालत द्वारा 74 पन्नों का फैसला दिए जाने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ताज कोरिडोर मामले में मायावती के खिलाफ कोई मामला नहीं है।
ज्ञात हो कि लखनऊ खंड पीठ ने 12 सितंबर को मायावती एवं नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आपराधिक मामले की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने हेतु दायर जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जून 2007 में तत्कालीन सीबीआई के विशेष न्यायधीश ने मायावती और नसीमुद्दीन के खिलाफ कार्यवाही खत्म करने का आदेश दिया था। इसके पहले तत्कालीन राज्यपाल टी.वी.राजेश्वर ने सी.बी.आई. अभियोजन की स्वीकृति देने संबंधी सिफारिश को ठुकरा दिया था। इस फैसले के खिलाफ 2009 में तीन जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थी और बाद में तीन और याचिकाएं इस मामले में ज़ोड़ी गईं।