हादसे का इंतजार: कागजों में शहर के बाहर, पटाखा विक्रेता घनी बस्तियों में कर रहे व्यापार

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फर्रुखाबाद: जनपद के शहर व कस्बों में नियमों को ताक पर रख पटाखा दुकानों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर चलाया जा रहा है। प्रशासन की तरफ से जारी लाइसेंसों में तो यह पटाखा दुकानें भीड़ से बाहर स्थानो के लिए लाइसेंस दिये गये हैं लेकिन हकीकत में यह दुकानें भीड़ भरे बाजार में सजाये हुए हैं। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। यदि केवल शहर की ही बात करें तो 8 थोक आतिशबाजी की दुकानों के लिए शहर से बाहर लाइसेंस दिये गये लेकिन हकीकत में अधिकांश दुकानें बाजार के अंदर बस्ती में हैं। वहीं 30 अस्थाई दुकानों के लिए भी प्रशासन द्वारा लाइसेंस जारी किये गये हैं। लेकिन मानकों को शायद ही कोई दुकान पूरा कर रही हो। अधिकांश दुकानें मानकों को धता बताकर हादसों को खुली दावत देती नजर आ रहीं हैं।

जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त सूचना के अनुसार थोक विक्रेताओं की गोदामों की कागजों में यह स्थिति दर्शायी गयी है। लाइसेंस संख्या 159 आनंद कपूर पुत्र भोलानाथ कपूर निवासी 5/2 गली दयाराम नेहरू रोड फर्रुखाबाद की 50 किलोग्राम साधारण आवाज वाली व 400 किलोग्राम रंगीन आवाज वाले पटाखे रखने का लाइसेंस है। जोकि कागजों की चौहद्दी के अनुसार पूर्व में खाली बाड़ा, पश्चिम में सड़क, उत्तर में अरुण गुप्ता की दुकान व दक्षिण में गोपाल की दुकान के बीचो बीच स्थित है। लाइसेंस संख्या 162 चन्द्रशेखर पुत्र दयाराम गुप्ता निवासी ग्राटगंज फर्रुखाबाद है। जिसको 50 किलोग्राम साधारण आवाज वाले व 200 किलो ग्राम रंगीन आवाज वाली आतिशबाजी रखने के लिए अधिकृत है। वहीं लाइसेंस संख्या 172 सचिन कुमार मिश्रा पुत्र सोमप्रकाश मिश्रा निवासी खतराना फर्रुखाबाद को 50 किलोग्राम साधारण आवाज वाली व 200 किलोग्राम रंगीन आवाज वाली आतिशबाजी रखने के लिए लाइसेंस दिया गया है। वहीं इनकी दुकान की चौहद्दी के अनुसार पूर्व में वंशीधर की दुकान, पश्चिम में सड़क, उत्तर में गली व दक्षिण में यासीन की गोदाम है। जोकि अमेठी कोहना में स्थित है। जबकि हकीकत में सचिन की गोदाम व दुकान इस समय नरकसा मोहल्ले में धड़ल्ले से चलायी जा रही है। इतना ही नहीं दुकान पर निर्धारित सामग्री से कहीं अधिक सामग्री भी रखी गयी है।

लाइसेंस संख्या 176 लक्ष्मण टंडन पुत्र कैलाश नारायण टंडन निवासी 1/38 गोला कोहना फतेहगढ़ मात्र 50 किलोग्राम साधारण आतिशबाजी के लिए लाइसेंस लिये हैं। जबकि हकीकत में इनका आतिशबाजी व पटाखा बनाने का बड़ा कारोबार शहर के अंदर चल रहा है। लाइसेंस संख्या 178 इन्दीवर गुप्ता पुत्र हरीशंकर गुप्ता निवासी नितगंजा फर्रुखाबाद को 450 किलोग्राम आवाज वाली आतिशबाजी रखने के लिए लाइसेंस दिया गया है। जोकि प्रकाश कोल्ड के पश्चिम में स्थित दिखायी गयी है। लेकिन इनका बड़ा कारोबार शहर के अंदर चल रहा है।

वहीं प्रशासन की तरफ से नगर व कस्बों के लिए 30 अस्थाई लाइसेंस भी दिये गये हैं जिसके लिए आदेश भले ही शहर के बाहर रखने के दे दिये गये हों लेकिन  हकीकत में तो शहर के अंदर अपनी दुकानें सजा चुके हैं। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
इतना ही नहीं प्रशासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए पटाखा दुकानों में किसी भी मानकों को पूरा नहीं किया गया है। लगता है प्रशासन भी पिछले दिनों कानपुर व अन्य शहरों में हुए हादसों से चेता नहीं है। यही बजह है कि शहर की घनी बस्तियों में प्रशासन व पुलिस की नाक के नीचे कई थोक पटाखा विक्रेता धड़ल्ले से पटाखों की विक्री कर रहे हैं। लेकिन कार्यवाही के नाम पर प्रशासन हाथ पांव भी नहीं मार रहा है। यदि प्रशासन का पटाखा विक्रेताओं के प्रति यही ढिलमुल रवैया रहा तो दीपावली के सौहार्द भरे त्यौहार पर किसी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।