दीपक शुक्ला(फर्रुखाबाद): आगामी एक नवबंर को जनपद में प्रस्तावित अरविंद केजरीवालल की सभा के लिये नगरमजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने दस शर्तों के साथ अनुमति जारी कर दी है। प्रशासन की ओर से लगायी गयी शर्तों में सभा में अस्त्र-शस्त्र लाने व किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध अभद्र भाषा का उपयों न करने का उल्लेख किया गया है। असत्र-शस्त्र की परिभाषा के विषय में नगर मजिस्ट्रेट से व्याख्या की अपेक्षा किये जाने पर उन्होंने कहा कि लाठी को तकनीकी रूप से अस्त्र नहीं माना जाता है।
नगर मजिस्ट्रेट की ओर से जारी अनुमति पत्र में कहा गया है कि-
1: कार्यक्रम में काई व्यक्ति किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र साथ नहीं रखेगा।
2: कोई भी भाषण, पोस्टर, नारेबाजी, बैनर का प्रदर्शन इस प्रकार नहीं किया जायेगा कि जिससे किसी धर्म जाति सम्प्रदाय की भावनायें आहत हों।
3: किसी व्यक्ति विशेष के प्रति अभद्र भाषा, अश्लील टिप्पणी, नारे बाजी नहीं की जायेगी।
4: किसी भी सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को कोई क्षति नहीं पहुंचायी जायेगी। यदि कोई सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति क्षतिग्रस्त हो जाती है तो आयोजक से क्षतिपूर्ति की वसूली तथा उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही भी की जायेगी।
5: राजनैतिक आयोजनों की जिम्मेदारी संबंधित राजनैतिक पार्टी के जिलाध्यक्ष/ प्रदेश अध्यक्ष/ राष्ट्रीय अध्यक्ष की होगी। सामाजिक धार्मिक तथा अन्य आयोजनों की जिम्मेदारी संस्था के मुख्य पदाधिकारी की होगी। आयोजनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्तियों की
6 : किसी भी सन्त महापुरुष की मूर्ति, स्मारक, संस्था, संग्रहालय या धार्मिक स्थल की अवमानना अथवा क्षति कारित नहीं की जायेगी।
7 : आयोजन में शामिल होने हेतु आते जाते समय या स्थल पर दुकानदारों व ठेले वालों के साथ संयमित व्यवहार किया जायेगा।
8 : कार्यक्रम के दौरान मौके पर उपस्थित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
9 : धारा 144 द. प्र. स. के प्रावधानों का अनुपालन किया जायेगा।
10 : आयोजनों के दौरान आवास विकास की सम्पत्ति पर कोई क्षति होती है तो उसकी वसूली उत्तरदायी व्यक्तियों से की जायेगी तथा उसके द्वारा भुगतान न करने की दशा में क्षतिपूर्ति की धनराशि भू राजस्व की भांति वसूली की जायेगी।
अनुमति पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त शर्तों का अनुपालन न होने अथवा किसी भी भांति लोक शांति एवं अव्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होने की स्थिति में उपरोक्त अनुमति स्वत: निरस्त मानी जायेगी तथा सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं शासनादेशों में निहित व्यवस्थाओ तथा सुसंगत कानूनों के अन्तर्गत सम्बंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।