काफी आकर्षक होते हैं रविवार को जन्‍में लोग

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फर्रुखाबाद : रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों पर सूर्य ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। इस दिन सूर्य अपनी पूर्ण सत्ता से सब ग्रहों पर अपना प्रभाव बनायें रखता है। सूर्य के समीप जो भी ग्रह आते है उनका प्रभाव क्षीण हो जाता है। इसलिये इन व्यक्तियों के साथ जो भी व्यक्ति आते है वे इनके प्रभाव में स्वतः ही आ जाते है। ये लोग अपने आकर्षण से दूसरे लोगों को शीघ्र ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते है।

सूर्य सिंह राशि का स्वामी है। सूर्य व सिंह राशि इन दोनों का स्वाभाव उग्र होता है। इसलिये ये लोग जल्दी क्रोधित हो जाते है परन्तु अवसर देखकर शालीन भी हो जाते है। सिंह का अर्थ होता है शेर और शेर को स्वतन्त्रता प्रिय होती है। अतः ये जातक किसी की अधीनता में कार्य करना पसन्द नहीं करते। इनकी इच्छा शक्ति और सकंल्प शक्ति बहुत अधिक होती है। ये लोग कुशल प्रशासक, कुशल संचालक, कुशल प्रबंधक, समाज सेवी तथा राजनीति में कुशल राजनेता बनते है। यदि इन व्यक्तियों को नेतृत्व का कार्य सौप दिया जाय तो किसी भी क्षेत्र में बेहतर परिणाम देते हैं।

स्त्रियों का स्वाभाव- रविवार को जन्म लेने वाली स्त्रियां का दाम्पत्य जीवन सुखमय व्यतीत होता है। परन्तु अपने पति के प्रत्येक कार्यो से नफरत करने वाली होगी परन्तु अच्छे कामों में किसी भी हद तक उनका पूरा सहयोग करेंगी। इनका मुख सूर्य के समान प्रभावशाली तथा सुन्दरता लिये हुये होगा। चेहरा गोल, आंखें बड़ी-बड़ी होगी। कभी आसक्ति में आकर जल्दी शादी करने की गल्ती कर बैठती है जिससे इनकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये बाहर जितनी कठोर होगी, अन्दर से उतनी ही उदार भी होगी।

स्वास्थ्य- रविवार को जन्मे व्यक्तियों को वैसे तो कम बीमारियां होती है परन्तु यदि हो जाये तो उनका इलाज लम्बे समय तक चलता है। इन्हे ह्रदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, गठिया, तथा नेत्र रोग भी समय-समय पर परेशान करते रहते हैं।

शुभ दिन- सोमवार, शुक्रवार और रविवार इनके लिये विशेष शुभ रहेंगे। कोई भी कार्य इन वारों से प्रारम्भ करें।

शुभ महीना- 21 जुलाई से 20 अगस्त। 21 नवम्बर से 20 दिसम्बर। 21 मार्च से 20 अप्रैल। ये महीना रविवार को जन्मे जातकों के लिये लाभदायक रहते है।

शुभ रत्न- जिन व्यक्तियों का जन्म रविवार के दिन हुआ है। उन्हे माणिक्य रत्न सोने या तांबे की अंगुठी में अनामिका अंगुली में रविवार को प्रातःकाल धारण करना चाहिए। ये लोग लाल हकीक भी धारण कर सकते हैं।

इष्ट देव और मन्त्र- इनके इष्ट देवता सूर्य भगवान होते है। अतः इन्हे सूर्य देव की उपासना करनी चाहिए। प्रातः काल सूर्य देव को जल देते समय इस मन्त्र का – ऊँ हीं हीं सूर्याय नमः उच्चारण करना चाहिए।