आशाओं व प्रसूताओंके हंगामे के बाद घूस वसूल रहे बाबू ने रुपये लौटाये

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कायमगंज: शुक्रवार को क्षेत्र की आशाओं और प्रसूताओं ने घूस के आरोप लगाते हुये अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा। आशाओं ने आरोप लगाये कि मानदेय बांट रहे बाबू बिना पैसे के चेक काट कर नही दे रहे है। वहीं चेक लेने अस्पताल आयी प्रसूताओं ने भी अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा तथा आरोप लगाते हुये कहा कि बिना सुविधा शुल्क दिये चेक नही दी जाती।

सरकारी अस्पताल में क्षेत्र से आयी आशाओं ने चेक न मिलने पर अस्पताल में जम कर हंगामा काटते हुये बताया कि चेक बांट रहे बाबू गिरजेश सैनी अपनी मन मानी के चलते आशाओं के साथ दुर्व्‍यवहार कर रहे हैं। मानदेय के नाम पर बस कल आना परसों आना कह कर टाल देते है । ज्यादा कहने पर सुविधा शुल्क की मांग करते है। आशा सीमा ने बताया कि 2010 व 2011 का आज तक हमे मानदेय नही दिया गया है। इकलैहरा से आयी आशा मलका ने बताया कि 2011 की 35 चेके जमा कर दी गयी है। लेकिन अभी तक भुगतान नही हुआ तथा हमारी मानदेय की 18 चेके अभी बाकी है। जिसके लिये पिछली एक साल से हम अस्पताल के चक्कर पर चक्कर कांट रहे है। आशा गीता शाक्य ने बताया कि हमारी 7 चेके जमा है हमे जिसका मानदेय अभी तक नही मिला है।

वहीं चेक लेने आयी प्रसूता सितारा पत्नी संजूर मियां निवासी रहमादादपुर थाना कम्पिल ने बताया कि हमलोग पिछले 15 दिनों से अस्पताल के चक्कर पर चक्कर लगा रहे है। आये दिन हमसे यह कह कर वापस कर दिया जाता है कि आज बाबू गिरजेश सैनी मीटिंग में गये हुये है, जब हम लोग अगले दिन अस्पताल में जाते है तो पता चलता है कि बाबू छुट्टी पर गये है। वही प्रसूता गीता पत्नी तिलक सिंह निवासी गेंदपुरा थाना कम्पिल ने बताया कि हमलोग भी पिछले 10 दिनों से अस्पताल के चक्कर लगा रहे है। लेकिन हमें अभी तक चेक नही दी गयी। नबाबगंज से आयी प्रसूता शकुन्तला व मेरापुर से आयी प्रसूता मीरा ने बताया कि हम लोग काफी दिन से अस्पताल में आ रहे है। लेकिन अभी तक हमें चेक नही दी गयी। चेक मांगने जाने पर 100 रूपयों की मांग की जाती है। रूदायन से आयी प्रसूता ने कहा कि पिछले 1 माह से अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद आज हमने बाबू के पास बैठे व्यक्ति को 100 रूपये दिये जब जाकर कहा गया कि आप परसो अपनी चेक ले जाना।

इस सम्बन्ध में जब गिरजेश सैनी ने बताया कि अभी पैसा कम है। जिसके चलते आशाओं को पैसा नही मिल सका है। उन्होने बताया कि अब तक 23 आशाओं को 1 लाख 24 हजार रूपया बांटा जा चुका है। अभी लगभग 30 से 35 आशाये बाकी है। पैसा आने पर इनका भी भुगतान कर दिया जायेगा।