कांशीराम की पुण्य तिथि पर माया ने छोड़ा मध्‍यावधि चुनाव का शोशा

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बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्य तिथि के मौके पर मायावती ने मंगलवार को लखनऊ के ऐतिहासिक रमाबाई मैदान में लाखों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अखिलेश सरकार की जमकर खिंचाई कहा और कहा कि उनकी सरकार यूपीए को समर्थन देने पर फैसला बुधवार को लेगी। उन्होने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले हो सकते है। मायावती ने कहा कि बुधवार को बीएसपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी जिसमें यूपीए को समर्थन देने के मसले पर फैसला किया जाएगा।

मायावती ने सूबे की समाजवादी पार्टी की सरकार पर जमकर हमला बोला। मायावती ने साफ कहा कि सपा सरकार के छह महीने के कार्यकाल में ही उत्तर प्रदेश क्राइम प्रदेश बन गया है। मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, घोषणाओं को लेकर अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह से भी आगे बढ़ गए हैं। अखिलेश को यदि ‘घोषणा मुख्यमंत्री’ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह पर हमला बोलते हुए कहा, बाबा साहब अम्बेडकर ने पिछड़ों के लिए काम नहीं किया होता तो मुलायम का परिवार आज खेतों में गाय चरा रहा होता। अम्बेडकर के योगदान को सपा वाले भूल गए हैं। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला करते हुए मायावती ने कहा, सरकार का एक मंत्री खुलेआम कह रहा है कि चोरी कर लेना लेकिन डाका मत डालना।

मायावती ने कहा, बसपा के शासनकाल में न तो लोहिया पार्क के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की गयी और न ही किसी के नाम पर होने वाले अवकाश को रद्द करने की घोषणा की गयी थी लेकिन सपा की सरकार ने कांशीराम की पुण्य तिथि पर होने वाले अवकाश को रद्द कर दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा, अखिलेश सरकार दुर्भावना की शिकार है। वह जिस तरह से फैसले ले रहे हैं वह निंदनीय है। उन्हें चेतावनी देती हूं कि समय रहते सम्भल जाओ नहीं तो वक्त आने पर इसका करारा जवाब दिया जाएगा। मायावती ने कहा, “बसपा दुर्भावना से ग्रसित होकर काम नहीं करती है लेकिन सपा सरकार के छह महीने के कार्यकाल के दौरान ही कई जगहों पर अम्बेडकर की और मेरी मूर्तियां तोड़ी गयीं। समय आने पर इसका भी जवाब दिया जाएगा।”

उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने भी कांशीराम की पुण्य तिथि पर अवकाश की घोषणा नही की, जिससे इनके मन में दलितों के प्रति हीन भावना का पता चलता है। मायावती ने रैली स्थल पर मौजूद कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि अगले आम चुनाव के बाद ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि केंद्र की चाभी अपने हाथों पर रहे इसलिए एकजुट होकर काम करना है।