न्यायालय में पेशी से फरार सजायाफ्ता कैदी 14 माह बाद दिल्‍ली से गिरफतार

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फर्रुखाबाद: कचहरी में पेशी पर लाये जाने के दौरान फरार शातिर सजायाफ्ता कैदी उमश बाथम पुत्र हेमराज निवासी मोहल्ला नवाब दिलावरजंग शहर कोतवाली को पुलिस ने दिल्‍ली से गिरफतार कर लिया है।

केंद्रीय कारागार में निरुद्ध उमेश बाथम पुत्र हेमराज निवासी गढ़ी नवाब दिलावरजंग विगत 25 जुलाई 2011 को न्यायालय परिसर से पुलिस को चकमा देकर रफूचक्कर हो गया था, और पुलिस कर्मी टापते रह गये थे। उमश बाथम को लूट के एक मुकदमें की सुनवाई के सिलसिले में न्यायालय लाया गया था। उमेश को कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम महमदापुर निवासी रामेश्वरदयाल की हत्या के आरोपी राधेश्याम ‘लौझड़ी’ के संग एक ही हथकड़ी में बांधा गया था। उमेश ने जब हथकड़ी खोलने का प्रयास किया तो उसने पास खड़े दरोगा को बताया था, कि उमेश हथकड़ी खोलने की कोशिश कर रहा है लेकिन वह मोबाइल से बात करने में व्यस्त रहे और उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि उमेश को दूसरे मुकदमों पहले ही सजा हो चुकी है। उमेश को पुलिस ने दिल्‍ली से गिरफतार कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार फिलहाल उमेश बाथम कोतवाली फर्रुखाबाद पुलिस की कस्‍टडी में है। परंतु अभी पुलिस अधिकारी लिखापढ़ी न होने के बहाने सूचना देने से कतरा रहे हैं। माना जा रहा है कि पुलिस उमेश बाथम को किसी बड़े केस में बुक करने की फिराक में है।

वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार यादवेंद्र शुक्ला ने बताया कि उमेश बाथम एक खतरनाक मुजरिम है। उसको आज एंटी डकैती न्यायालय में एक लूट के मामले में पेशी पर भेजा गया था। जेल से प्रात: 11:40 हेड कांसटेबिल रामबाबू के सुपुर्द किया गया था। सुपुर्दगी के समय ही रामबाबू को बता दिया गया था कि उमेश बाथम खतरनाक मुजिम है, अत: सावधानी बरती जाये। उन्होंने बताया कि उमेश पर अभी  2 मुकदमें चल रहे हैं। जबकि 4 मुकदमों में उसकों सजा हो चुकी है। इनमें से  3 मामले तो छोटे थे परंतु  1 हत्या के केस में उसकों आजीवन कारावास हो चुका है।

उमेश बाथम पुलिस हिरासत में दो बार फरार हो चुका है। इससे पहले वह जब चाय विक्रेता मोहल्ला इस्माइलगंज सानी निवासी शंकरलाल गुप्ता की हत्या के मामले में जेल में बंद हुआ तो सन् 2000 में जिला न्यायालय में पेशी के दौरान लाये जाने के समय भाग गया था। उमेश पर अपहरण व हत्या जैसी संगीन धाराओं कई मुकदमे है। जिला जेल से फरार होने के बाद दोबारा हत्या के मामले में जेल आये बंदी उमेश बाथम ने जिला जेल में भोजन को लेकर भूख हड़ताल की और जेल प्रशासन को नाको चने चबवाये। जिला जेल से उसे जब सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया। तब भी उसकी गतिविधियों को नियंत्रित करने को कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गयी। सेंट्रल जेल से उसे पेशी पर लाये जाने के दौरान भी विशेष सतर्कता नहीं बरती गई। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उमेश बाथम जिले का एकमात्र शातिर बदमाश है जो कचहरी में पुलिस अभिरक्षा से दूसरी बार फरार हुआ है। पिछली बार फरार होने के बाद एसओजी ने उमेश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।