नगर पालिका की अवैध कब्जेदारों पर होगी कार्यवाही: जिलाधिकारी

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फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी डा0 मुथुकुमार स्वामी बी ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी टाउन एरिया, नगर पालिका परिषद एवं ग्राम सभाओं की जमीनों पर कोई अवैध कब्जा करता है तो उसके विरुद्व मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भेजने की कार्यवाही की जाये।

उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के कार्यालयों या अन्य किसी सरकारी भूमि जो उनके विभाग से सम्बंधित है, अगर उस पर अवैध रूप से कोई कब्जा कर लेता है तो सम्बंधित विभाग उस पर तुरंत कार्यवाही करे। इस सम्बंध में विशेष रूप से तहसीलदार सदर, जिला पशुधन अधिकारी एवं बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी को कड़े निर्देश देते हुए अवैध कब्जे तुरंत हटवाने के आदेश दिये।

मनरेगा के अन्तर्गत माह अप्रैल व सितम्बर तक छमाही कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी खण्ड विकास अधिकारी यह ध्यान रखें कि प्रधान और ब्लाक स्तरीय अधिकारी/कर्मचारियों का ऐसा कोई कूटबंधन न बन पाये जिसके कारण मनरेगा में किये गये कार्यों में भविष्य में कोई घपला होने की संभावना हो। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं में मनरेगा के कार्यों का मस्टर रोल जारी करने से पहले कोई भी कार्य न कराया जाये। अब सभी कार्य मास्टर रोल जारी होने के बाद ही किये जायेंगे। जिला विकास अधिकारी और पीडी प्रत्येक ग्राम सभा में दौरा कर मास्टर रोल की सघन चेकिंग करें यदि कहीं अनियमितता पाई जाये तो बीडीओ के विरुद्व कार्यवाही कर अवगत करायें।

बैठक में यह प्रकाश में आया कि छह महीनों में मनरेगा के अन्तर्गत किये गये कार्यों पर 6.99 करोड़ का व्यय हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। मुख्य विकास अधिकारी आई पी पाण्डेय ने सभी बीडीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि उनके पास जो धन मनरेगा में शेष है उसे समय से प्रस्ताव कराकर ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करायें। ब्लाक स्तर पर तैनात सहायक प्रोग्राम अधिकारी भी ग्राम पंचायतों का ग्रहण करें और आवश्यक कार्य गांव के विकास हेतु मनरेगा कार्यों को पूर्ण कराने में सहायता करें।

बैठक में मनरेगा में प्राप्त शिकायतों, तहसील दिवस की शिकायतों और जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की गई शिकायतों के निस्तारण के संबंध में जिलाधिकारी ने शिकायतों के उचित ढंग से निस्तारण के सम्बंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए मुख्य विकास अधिकारी को विकास कार्यों की और राजस्व विभाग की शिकायतों का निस्तारण कराने की जिम्मेदारी नगर मजिस्ट्रेट को सौंपते हुए उसकी मानीटरिंग करने के निर्देश दिये। बैठक में उपजिलाधिकारी अमृतपुर, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।