एक हजार की मासिक वसूली के लिये कार्यकत्रियां बेचती हैं 4 हजार में 20 बोरियां

Uncategorized

कमालगंज (फर्रुखाबाद): कमालगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बाल पोषाहार की कालाबाजारी की जा रही है। बाल पोषाहार माफिया टेंपो पर लादकर पोषाहार की बोरियां ले जाते हैं और उनकी विक्री दुग्ध डेयरी वालों व अन्य जानवरों के लिए की जाती है। जानकारी के अनुसार नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में बाल पोषाहार की कालाबाजारी विभागीय लोगों की मिलीभगत के चलते खुलेआम हो रही है। बच्चों को बांटी जाने वाली पंजीरी जानवरों का आहार बन रही है। विभागीय लापरवाही की भ्रष्टाचारी एवं खाऊकमाऊ नीति के चलते कोई भी कार्यवाही करने की नहीं सोचता है। बाल पोषाहार माफियाओं के हाथों खरीदी जा रही पंजीरी पशुओं का आहार बनाने में मात्र कमालगंज में ही लाखों रुपये प्रति माह कार्यकत्रियों से वसूली की जा रही है।

बताया जा रहा है कि बच्चों के लिए बाल विकास परियोजना के तहत बाल पोषाहाजर उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन सरकार द्वारा चलायी जा रही इस योजना का मखौल विभागीय सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारी माफियाओं के साथ मिलकर स्वयं उड़ा रहे हैं। इस बात की चर्चायें लगातार हो रहीं हैं। लेकिन सम्बंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा और न ही बाल पोषाहार कालाबाजारी करने वाले माफियाओं पर कोई असर पड़ रहा है। देखते ही देखते यह सरकारी योजना अपने उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है।

दबी जुबान से कुछ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि हम लोगों से प्रति माह कार्यालय से 1000 रुपये जमा कराये जाते हैं। कमालगंज ब्लाक में 266 आगनबाड़ी केन्द्र कागजों में चल रहे हैं जिनको प्रति आगनबाड़ी केन्द्र 20 बोरी प्रतिमाह दी जाती है। जिसमें दो बोरी भी बच्चों के पेट में नहीं जाती। सारी पंजीरी पशुओ को खिलायी जा रही है। कार्यकत्रियों की मजबूरी है कि पंजीरी ब्लेक में ही बेचेंगे। कार्यकत्रियां 200 रुपये प्रति की दर से प्रतिमाह मिलने वाली 20 बोरियां खुले आम बेच देती हैं।  सुपरवाइजर संगीता पंजीरी वितरण करते मिलीं। उन्‍होंने बताया कि वसूली के आरोप निराधार हैं।