यूपी में 1 अप्रैल 2013 तक गुटखा खाने की छूट

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लखनऊ : उप्र सरकार ने गुटखा उद्योग पर प्रतिबन्ध लगाए जाने का निर्णय किया है। यह प्रतिबन्ध एक अप्रैल, 2013 से प्रभावी होगा।

सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ने यह कदम संसद द्वारा पारित फूड सेफ्टी एक्ट के अन्तर्गत उठाया है। संसद द्वारा पारित खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत अन्य राज्यों की भाति उत्तर प्रदेश में भी लम्बे समय से चल रहे गुटखा उद्योग पर प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुटखा उद्योग से जुड़े हुए लाखों कर्मकारों, श्रमिकों व उद्यमियों की रोजी-रोटी को दृष्टिगत रखते हुए गुटखा उद्योग पर लगाए जाने वाले प्रतिबन्ध को 01 अप्रैल, 2013 से प्रभावी किए जाने के निर्देश दिए हैं ताकि इस अवधि का सदुपयोग करते हुए गुटखा उद्योग से जुड़े हुए कर्मकारों, श्रमिकों व उद्यमियों द्वारा अन्य रोजगार एवं वैकल्पिक उद्योग तलाश कर लिया जाए।

तम्बाकू सेवन करने वालों की बढ़ रही है तादाद : वर्तमान में सूबे के साढ़े चार करोड़ लोग गुटखा व तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश देश में पाचवें स्थान पर है। प्रदेश के करीब 55 फीसदी पुरुष तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं इनकी संख्या में हर साल करीब सात प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। प्रदेश में मुख कैंसर के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। यह पहले 50 वर्ष की आयु के बाद होता था, लेकिन आज 20-25 साल की उम्र के लोगों में भी देखा जा सकता है।