87न्याय पंचायतों में अधिकारियों की देखरेख में होंगीं मनरेगा की खुली बैठकें

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फर्रुखाबाद: जनपद में मनरेगा कार्यों में जमकर लूट खसोट की जा रही है। जहां ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारियों की मिलीभगत के चलते फर्जी मास्टर रोल से लेकर फर्जी मनरेगा कार्ड, फर्जी मिट्टी डलवाने का कार्य, फर्जी भुगतान सब कुछ कागजों में ही चलाया जा रहा है। जिसकी धरातल पर समीक्षा करने के लिए जिला स्तर पर 87 अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। अधिकारी सभी ग्राम पंचायतों में जा जाकर खुली बैठक कर मनरेगा कार्यों की समीक्षा करेंगे। जिसके लिए 87 अधिकारी न्याय पंचायत स्तर पर लगाये गये हैं। अधिकारी अगली कार्य योजना 2013_14 के लिए खुली बैठक में बनाकर तय करेंगे कि कहां, कितने, किस प्रकार विकास कार्य कराये जाने हैं।

मनरेगा इस समय अधिकारियों व प्रधानों के लिए दुधारू गाय साबित हो रहा है। जिसमें प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी मिलभगत कर मनमर्जी कर रहे हैं। इस भ्रष्टाचार में खण्ड विकास अधिकारी भी अपनी पूरी सह दिये हुए हैं। शासन स्तर से भले ही भ्रष्टाचार को कम करने के लिए मनरेगा कार्यों की पूरी योजना इंटरनेट पर आनलाइन कर दी गयी हो लेकिन प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के लिए नये नये तरीके ईजात कर लिये हैं। प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने अब तक ऐसी जगहों तक के फर्जी मस्टर रोल बनाकर भुगतान ले लिया है जहां पर आज तक खड़न्जा तो दूर मिट्टी डालने तक का कार्य नहीं हुआ है। वहीं मनरेगा कार्ड तो प्रधानों ने अपने परिवार, नौकर चाकरों तक के बना दिये हैं। जिनके नामों पर फर्जी तरीके से सीधे भुगतान लिया जा रहा हैै।

इसी को ध्यान में रखते हुए सीडीओ ईश्वरीय प्रसाद पाण्डेय ने बताया कि कार्य योजना 2012-13 के लिए मनरेगा की ग्राम पंचायत स्तर पर खुली बैठकें आयोजित की जायेंगी। जिसके लिए जिला स्तरीय 87 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। मंगलवार को 87 ग्राम पंचायतों में खुली बैठक कर मनरेगा कार्यों की समीक्षा कर आगे की रणनीति तैयार की जायेगी।