फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी जनपद में पहली बार जिस समय आये थे तो उनके सामने हर समस्या छोटी नजर आती थी। लोहिया अस्पताल, बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कमालगंज थाना, कायमगंज कोतवाली, यानी कि जनपद के इस छोर से उस छोर तक एक ही दिन में निरीक्षण कर दिया करते थे। लेकिन लम्बी छुट्टी काटने के बाद पुनः लौटे जिलाधिकारी कुछ बदले बदले नजर आ रहे हैं।
जनपद में पहली बार आने पर जिलाधिकारी का इकबाल कुछ इस तरह कायम था कि जिधर नजर कर दें तो विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के पसीने छूट जाते। पीड़ित फरियादियों को आफिस में तो समय मिल ही जाता था लेकिन यदि आफिस से निकलते समय भी जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी को कोई फरियादी मिल गया तो उसकी भी समस्या खड़े खड़े ही निस्तारित कर देते। जिससे जनपद के फरियादियों में एक आस जगी थी कि यदि जिलाधिकारी के पास उनकी समस्या पहुंच जायेगी तो सौ प्रतिशत निस्तारित हो जायेगी। लेकिन जिलाधिकारी के छुट्टी पर जाने के बाद जाने क्या सांप सूंघ गया कि जिलाधिकारी को छुट्टी से आये लगभग एक सप्ताह होने जा रहा है लेकिन उनके पास फरियादियों की समस्यायें सुनने के लिए कम ही समय मिल सका।
वहीं अभी तक जहां जिलाधिकारी फरियादियों की समस्याओं को खुद अपने स्तर से निस्तारित करते थे लेकिन छुट्टी से आने के बाद जिलाधिकारी अपने सपोर्ट के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को रखते हैं। जिससे फरियादियों में भी न्याय मिलने की 100 प्रतिशत उम्मीद वाली बात नहीं रही और लगातार फरियादियों की संख्या में भी कमी आती जा रही है। जिससे लोग क्या, आफीसर क्या, नेतागण क्या, मीडिया क्या, जो भी देखता है वह अनायास ही कहने लगता है ‘‘बदले बदले मेरे सरकार नजर आते हैं’’।