फर्रुखाबाद: मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से स्थिति तनावपूर्ण बन गयी है। जिसमें मुख्य भूमिका कोतवाल ऋषीपाल सिंह की भी बतायी जा रही है। कोतवाल की लापरवाही और अनदेखी के चक्कर में आज प्रातः उपद्रवियों के हौसले बुलंद हो गये और सुबह से ही फायरिंग का दौर शुरू हो गया। मजे की बात तो यह है कि जहां एक कांस्टेबिल की हनक की क्षेत्र में काफी होनी चाहिए वहां कई क्षेत्रों के क्षेत्राधिकारी व भारी पुलिस बल मौजूद होने के बावजूद उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसमें सीओ सिटी विनोद कुमार सिंह बाल बाल बच गये।
जब भीड़ के दबाव से पुलिस ने सत्यनारायण व उसके साथी विकास को छोड़ दिया तो दूसरे पक्ष के लोग उग्र हो गये। पुलिस द्वारा छोड़े गये दोनो युवकों को भीड़ ने कंधे पर बिठाकर संकिसा रोड पर जिंदाबाद के नारे लगाते हुए जुलूस सा निकाल दिया। जुलूस जैसे ही विपक्षी के घर के सामने से गुजरा तो वह इस बात से पुलिस से खिसियाहट दिखाकर उग्र हो गये कि उनके पकड़कर देने के बाद भी आरोपियों को क्यों छोड़ दिया गया और उस समय अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह कोतवाली में मौजूद थे। उन्होंने सूचना मिलते ही सीओ सिटी विनोद कुमार सिंह के अलावा सीओ मोहम्मदाबाद को भी स्थिति नियंत्रित करने के लिए भेजा। जैसे ही यह लोग फोर्स के साथ संकिसा रोड पर आये तो उपद्रवियों ने तेजाब भरीं बोतलें, ईंट पत्थर, देशी बम, फेंकना शुरू कर दिये और देखते ही देखते माहौल दंगे में तब्दील हो गया। दोना पक्ष संकिसा रोड पर आमने सामने आ गये। उसी दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव व बोतलें फेंकना शुरू कर दिया। जिसमें क्षेत्राधिकारी नगर बालबाल बच गये और पूरे मामले को कवर कर रहे कुछ मीडियाकर्मियों को भी चोटें आयीं। पुलिस के सामने उपद्रवियों का यह प्रदर्शन किसी के गले नहीं उतरा। शिवाय पुलिस हाथ जोड़ने के और कुछ करने की स्थिति में नजर नहीं आयी। दंगे की सूचना जंगल की आग की तरह फैल गयी। शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह, कोतवाल फतेहगढ़ रूम सिंह यादव मौके पर पहुंचे।
जिस समय भारी पुलिस बल संकिसा रोड पर स्थिति को नियंत्रित करने में लगा था उसी समय उपद्रवी छत से ईंट पत्थर आदि फेंक रहे थे। कई उपद्रवी कमर में कट्टा लगाये थे। दूसरी तरफ से वही पक्ष फायरिंग कर रहा था। फिलहाल मोहम्मदाबाद में माहौल अभी सामान्य नहीं हुआ है।