ए भाई जरा देख के चलो, आगे भी नहीं, पीछे भी नहीं…………..

Uncategorized

फर्रुखाबाद: समय बदल गया, हालात बदल गये और समय के बदलाव के साथ ही आदमी का जीवन इतना व्यस्त हो गया कि उसे जल्दबाजी के चक्कर में अपनी मौत तक का खौफ नहीं। वह कहीं दो मिनट सुरक्षित तरीके से खड़े रहने में भी अपनी तौहीन समझता है। फिर चाहे वह जाम का मंजर हो, चलती हुई ट्रेन से कूदने का या रेलवे फाटक बंद होने के बाद भी क्रासिंग के पास से निकलने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाने हों। चित्र के माध्यम से अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि महाशय ने जल्दी की खातिर मोटरसाइकिल को ही बैरियर के ऊपर से निकाल दिया।

जल्दबाजी के लिए आदमी क्या-क्या नहीं कर लेता लेकिन वह यह नहीं जानता कि वह कितना खतरा अपनी जान के लिए उठा रहा है। भारतीय रेल के विभाग के लाख प्रयासों के बावजूद कुछ लोग जानबूझकर अपने को मौत के मुहं में डालने से बाज नहीं आते और मौत उन्हें अपनी चपेट में ले लेती है। यह मंजर श्यामनगर स्थित रेलवे फाटक का है जहां ट्रेन गुजरने के लिए बैरियर लगते ही बैरियर के दोनो तरफ काफी बाइक सवारों की भीड़ एकत्रित हो गयी। सभी लोग ट्रेन निकलने का इंतजार कर रहे थे लेकिन उनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें पांच मिनट का सब्र नहीं हुआ तो अपनी मोटरसाइकिल को बैरियर के ऊपर से निकालने लगे। उनकी इस जल्दबाजी को लेकर लोग भौचक्के रह गये। कुछ ने कहा कि भाई साहब ट्रेन आ रही है। तब तक वह गाड़ी को बैरियर के ऊपर पहुंचा चुके थे। बैरियर के दूसरी तरफ बाइक उतारते ही ट्रेन की सीटी बज गयी। ट्रेन की आवाज सुनते ही बाइक सवार के हाथ पैर तो फूले ही, अन्य दर्शकों के रोंगटे भी खड़े हो गये। लेकिन जब तक वह कुछ समझ पाते ट्रेन क्रासिंग पर आ गये। मजबूरन उन्हें बैरियर से चिपक कर खड़ा होना पड़ा। कुछ सेकेंडों की ही बात थी बाइक सवार बाल-बाल बच गया। वरना न जाने वह एक व्यक्ति अपने परिवार के कितने ही लोगों की जिंदगी को बद से बदतर करके दुनिया छोड़ देता।