कांग्रेस और सरकार में राहुल गांधी की बड़ी भूमिका की जमीन अभी तैयार ही हो रही है कि उनकी बहन प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतार दिया गया है। इस कड़ी में प्रियंका को उनकी मां व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की जिम्मेदारी दी गई है। सोनिया की गैरमौजूदगी में प्रियंका उनके संसदीय क्षेत्र का काम देखेंगी। इस क्षेत्र के लिए वह दिल्ली में भी जनता दरबार लगाएंगी।
इससे पहले भी प्रियंका रायबरेली और अपने भाई के संसदीय क्षेत्र अमेठी में जाती रही हैं, लेकिन सिर्फ चुनावों के दौरान ही वह सियासी भूमिका में दिखती रहीं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने रायबरेली व अमेठी में सबसे ज्यादा समय दिया। बीमारी व व्यस्तता की वजह से सोनिया का रायबरेली में बहुत कम जाना भी विधानसभा चुनाव में एक मुद्दा था। इसीलिए, अब प्रियंका को एक तरह से पार्टी ने रायबरेली में पूरी तरह उतारकर भविष्य में उनकी सक्रिय सियासत के पुख्ता संकेत दे दिए हैं।
प्रियंका गांधी अगले कुछ समय बाद दिल्ली में हर बुधवार को जनता दरबार लगाकर रायबरेली के लोगों की समस्याएं भी सुनेंगी।
10 जनपथ के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती हैं कि राहुल व प्रियंका दोनों ही अब पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने की दिशा में आगे बढ़ें। इस दिशा में राहुल को सरकार में सक्रिय दखल व संगठन में बड़े फैसलों में शामिल किया ही जा रहा है। इसके साथ ही प्रियंका को भी अब आने वाले समय में रायबरेली व अमेठी की सीमाओं से बाहर निकालने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
प्रियंका के खुद चुनावी सियासत में उतरेंगी या नहीं, अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। सूत्रों के मुताबिक, इतना तय है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले संगठन में न सिर्फ प्रियंका बड़ी भूमिका में होंगी, बल्कि स्टार प्रचारक भी होंगी। टीम अन्ना के सियासत में उतरने की तैयारियों के बीच कांग्रेस के भीतर माना जा रहा है कि राहुल के साथ-साथ अब प्रियंका को भी राष्ट्रीय स्तर पर खुलकर उतारना होगा। यह फैसला उसी दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।