लखनऊ – मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की चेतावनियां शायद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के कानों तक नहीं पहुँच पा रहीं, जिसकी वजह से मुलायम कार्यकाल को गुंडाराज की संज्ञा दिलवाने वाले पार्टी कार्यकर्ता पांच साल के बाद दोबारा सत्ता मिलते ही अपना मानसिक संतुलन खो चुके है| हालत ऐसे हो चुके हैं कि सत्ता कि हनक में बौखलाए सपाई सरकारी अधिकारियो और कर्मचारियों के ऊपर भी हाथ साफ़ करने में कतरा नहीं रहे है | ताज़ा मामला है , मेरठ शहर का जहा एक युवा समाजवादी कार्यकर्त्ता को एक फर्जी डाक्टर के ऊपर चिक्तिसा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई इतनी नागवार गुजारी की उसने प्रदेश के राज्यमंत्री शाहिद मंजूर के सामने ही उन्हें थप्पड़ रसीद कर दिया | चिक्तिसा अधिकारी की पिटाई जिस समय हो रही थी, उस समय मंत्री के साथ उनका पुत्र भी मौजूद था |
सत्ता के मद में चूर सपाइयों को शायद याद नहीं कि उनके नेता व सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शपथ लेने के बाद जो पहला बयान दिया था वो यही था की , प्रदेश में किसी भी समाजवादी पार्टी कार्यकर्त्ता की गुंडई बर्दाश्त नही की जाएगी, इस चेतावनी का असर भी कुछ दिनों तक दिखाई दिया, पर इसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छोटे अनुभव की निशानी ही कहेंगे कि वह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जमीनी हकीक़त को सही से नहीं पहचान सके | ये समाजवादी कार्यकर्त्ता है जो मुलायम सिंह यादव की सरपरस्ती में संघर्ष , हल्ला बोल , और विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं से भिडकर सत्ता पर काबिज हुए है उनके ऊपर किसी का जोर नहीं चलता | मेरठ की घटना ने साबित कर दिया कि कार्यकर्ताओं के ऊपर किसी भी मंत्री या नेता का जोर नही चलाता वो चाहे शाहिद मंजूर हो या फिर खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव |
मेरठ में हुई घटना में सीधे तौर पर समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष ओम पाल गुर्जर शामिल है, सपा के इस पदाधिकारी के सानिध्य में एक फर्जी झोला छाप डाक्टर वहा प्रैक्टिस कर रही थी| मेडिकल आफिसर कंट्रोल रूम , अनक्वालीफाइड एंड अनरजिस्टर्ड प्रैक्टिस सेल के प्रभारी डॉ. वी के गुप्ता ने जिले के कई फर्जी डाक्टरों के खिलाफ कारवाई की थी, इन्ही डाक्टरों में सपा युवजन सभा के अध्यक्ष ओम पाल गुर्जर की एक करीबी डाक्टर भी थी| डा. गुप्ता द्वारा की गयी कार्रवाई से सपा नेता से लगायत मंत्री शाहिद मंजूर भी नाराज थे | मंत्री ने इस बात की चर्चा के लिए डॉ. वी के गुप्ता को दोपहर में सर्किट हाउस बुलवाया था| डाक्टर गुप्ता ने इस बात की सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुबोध कुमार तिवारी को दे दी थी , और मंत्री शाहिद मंजूर से मिलने सर्किट हाउस चले गए| वहा पर पहले से मौजूद ओम पाल गुर्जर से डॉ. गुप्ता की कहा सुनी हुई , मंत्री के सामने हो रही कहा सुनी के बीच ही ओम पाल गुर्जर ने डॉ. गुप्ता का कालर पकड़ कर थप्पड़ रसीद कर दिया |
बात तेज़ी से फैली और पार्टी हाई कमान तक भी पहुची पर तत्काल कोई कार्रवाई नही हुई, करवाई हो या ना हो पर इस घटना ने ये साबित कर दिया की समाजवादी कार्यकर्त्ता ना मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में किसी की सुनता था , ना ही वर्तमान मुख्यमंत्री के समय किसी की सुनेगा, वजह भी साफ़ है आखिर सपा कार्यकर्त्ता जिसके बल पर अपनी गुंडई को अंजाम देते है, वो मंत्री जब किसी अधिकारी की पिटाई होती है तो चुप रह जाता है, क्योकि एक दौर वो भी था जब ऐसे कारनामे आज के नेता भी किया करते थे |
राज्यमंत्री शाहिद मंजूर के सामने घटी घटना इस बात का भी संकेत दे रही है कि पुरे मामले में मंत्री जी की मूक सहमती थी, नहीं तो किसी कार्यकर्त्ता की इतनी हिम्मत नहीं हो सकती कि वह एक राजपत्रित अधिकारी के ऊपर हाथ उठा सके |