फर्रुखाबाद: ब्लाक बढ़पुर के सभागार में ग्राम विकास अधिकारी संघ की आकस्मिक बैठक बुलाई गयी। जिसमें पदाधिकारियों ने कहा कि मनरेगा से सम्बंधित अभिलेख जैसे रोजगार रजिस्टर, जॉबकार्ड, कार्य मांगने का आवेदनपत्र, परिसम्पत्ति रजिस्टर आदि डीआरडीए फर्रुखाबाद द्वारा उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। लेकिन दोषी ग्राम विकास अधिकारी को माना जाता है। यह गलत है। ग्राम विकास अधिकारी को बली का बकरा बनाया जा रहा है।
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंत्री शेषनरायन सचान ने कहा कि जिला विकास अधिकारी द्वारा गत वर्ष की रिपोर्ट के आधार पर पहले प्रतिकूल प्रविष्टि व उसी रिपोर्ट पर निलंबन जैसी घृणित कार्यवाही व अर्नगल आरोप लगाकर जोकि पूरे उत्तर प्रदेश में पाये जा सकते हैं। कार्यवाही किये जाने की निंदा की जाती है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में निलंबन वापस न लिया गया तो 17 जुलाई को दो घंटे का पूर्ण रूप से जनपद में ग्राम विकास अधिकारी कार्य नहीं करेंगे और जिला मुख्यालय पर खुली बैठक कर आगे की रणनीति तय की जायेगी। इस तरह की कार्यवाही से जिला विकास अधिकारी में कुण्ठा व्याप्त हो रही है।
इस दौरान समिति के अध्यक्ष शशिदेव सिंह यादव ने कहा कि ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त अन्य कार्यदायी संस्थाओं, क्षेत्रपंचायतों, जिला पंचायतों के कार्यों की समीक्षा व कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही। केवल ग्राम विकास अधिकारी को बिना किसी कारण के दण्डित किये जाने से उनमें रोष व्याप्त हो गया है। बैठक में मांग की गयी कि निलंबन किये गये 10 ग्राम विकास अधिकारियों के निलंबन आदेश शीघ्र वापस न लिये गये तो ग्राम विकास अधिकारी कोई बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।