खबरीलाल का रोजनामचा- रिक्शे पर साइकिल, साइकिल पर पंजा और अब पंजे को कमल?

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खबरीलाल आज बहुत गुस्से में थे| चौक की पटिया पर आकर बैठ गए| उनके तेवर देख कर बाबा पान वाले बोले क्या बात है खबरी लाल| गर्मी में यह गरमा गर्म गुस्सा क्यूँ? खबरी लाल बोले क्या बताये बाबा| कहावत है न “सत्तर खेल खेले उन्हें सिखावे चंदो”| हर जगह मतलब परस्ती और माहौल को ख़राब करने की कोशिश|

बाबा की कुछ समझ में नहीं आ रहा था| खबरी लाल समझ गए| देखो बाबा नगरपालिका का चुनाव है| कायदे से भले आदमिओं की तरह अपनी बात कहो| सबसे वोट मांगो| परन्तु यहाँ लोग अपने आपको माहौल बिगाड़ने का विशेषज्ञ समझते हैं| आज जनसम्पर्क के दौरान नारा लगा-“जय श्री राम का नारा है टाउन हाल हमारा है”| क्या मतलब है इसका| टाउन हाल क्या तुम्हारे घर की खेती है| जो तुम्हारी मर्जी का काम नहीं करेगा उसे तुम टाउन हाल से बाहर कर दोगे|

बाबा बोले खबरी लाल इनकी फितरत कौन नहीं जानता| इनकी बातो को इसीलिए अब कोई गंभीरता से नहीं लेता| खबरी लाल बोले आज यह जय श्री राम का नारा देकर टाउन हाल अपना बनाने का नारा दे रहे है| इन्होने जय श्री राम का नारा देकर पूरे देश पर कब्ज़ा किया| फिर उन्ही राम को भूल गए जिनकी वजह से सत्ता में आये|

खबरी लाल बोले यह अपने आपको पार्टी विद द डिफ़रेंस कहते है| कभी इसी त्रिपोलिया चौक में इन्होने नारा लगाया था- “लाल किले पर कमल निशान, अबकी जीतेंगे सलमान”| ठीक है सभी निर्दलियों के बीच आप देश की दूसरे नंबर की राष्ट्रीय पार्टी के उम्मेदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे है| जिन जय श्री राम की आप दुहाई दे रहे है| उन्ही के नाम पर आप अपने चुनाव अभियान को साफ़ सुथरा शालीन क्यूँ नहीं बनाते| अन्य उम्मीदवारों के आप जिन कारणों तरीको से बुरा ठहराते है| उन्हें स्वयं अपनाने से परहेज क्यूँ नहीं अक्र्ते? ज्यादा खुलासा हम नहीं करेंगे| परन्तु आप सब जानते है|

खबरी लाल बोले एक हो उसकी कहें| यहाँ तो ऐसा लगता है जैसे कुएं में भांग पड़ी हो| अभी रिक्शे पर साइकिल आई| साइकिल पर पंजा आया| अब पंजे को कमल थमाने की कोशिश हो रही है| दिखाने के लिए कुछ चुनावों में ही जनेऊ (यज्ञोपवीत) कुरते से बाहर निकलकर घूमने वाले कुछ अन्य बिरादरियों के लोग जुड़े दिखाने के लिए साइकिल वाले ही लगे हुए हैं| कैसी मजबूरी और बेशर्मी है कि जो रिक्शा कम्पनी साइकिल कम्पनी की साधारण सदस्य तक नहीं है, तीन महीने पहले हठी की सवारी करती रहे| साइकिल कंपनी के स्थानीय जिला वितरक ने अपनी पूरी एजेंसी रिक्शा कम्पनी वालो के हाथो गिरवी रख दी| परन्तु बात बनती नहीं दिख रही| मनमानी करके मनमाना नतीजा मिल जाए ये जरुरी नहीं है| यह पब्लिक है भैया सब जानती है|

खबरी लाल बोले आज की तारिख में सभी प्रमुख शूरमाओं में से किसी के पास दस फ़ीसदी से ज्यादा वोट नहीं है| हमारी बात पर संदेह हो तब फिर विधानसभा में पड़े वोटो का विवरण देख लो| आने वाके आठ दस दिनों में सब के सब अपना मत प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास करेंगे| पैसे और दारू की बरसात होगी| बिरादरी की दुहाई दी जाएगी| हिन्दू मुस्लिम, अगड़ा पिछड़ा, दलित अति दलित का खेल जमकर होगा| आपको (मतदाताओ) को क्या करना है| यह हम कल बताएँगे| आज केवल इतना ही-

आपका सतीश दीक्षित
एडवोकेट
आवास विकास
फर्रुखाबाद