मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक को थानों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जल्दी ही दोनों अफसर प्रदेश केविभिन्न मंडलों का दौरा करेंगे। योजना भवन में हुई सभी आईजी जोन, डीआईजी रेंज, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और मुख्यालय पर पुलिस की विभिन्न इकाइयों के वरिष्ठतम अफसरों के साथ हुई बैठक में यह जानकारी प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने दी।
बैठक में बताया गया कि पुलिस कंट्रोल रूम की व्यवस्था ठीक नहीं है। इसे लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए ताकि आम नागरिक पुलिस से सीधे संवाद स्थापित कर सकें। इसके अलावा अधिकारियों को अपने सीयूजी नम्बर खुला रखने के लिए कहा गया। कहा गया कि इन नम्बरों को खुला रखें ताकि वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा जनता भी उनसे सीधे सम्पर्क कर सकें। शस्त्रों के खुले प्रदर्शन पर की कड़ाई से रोक लगाने के लिए भी निर्देश दिए गये।
बैठक में बताया गया कि अपराधियों को अधिकाधिक सजा दिलाने के उद्देश्य से जिला स्तर पर मानीटरिंग कमेटी की बैठकों को नियमित करने के लिए कहा गया है। इसकेअलावा दुर्दान्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के उद्देश्य से जिले के अति महत्वपूर्ण अपराधों में कम से कम एक-एक केस चुनकर उसकी नियमित समीक्षा कर न्यायालय में प्रभावी पैरवी के निर्देश दिए गए हैं। इस काम केलिए जरूरत पड़ने पर विशेष अधिवक्ताओं की सेवायें भी ली जाएंगी। अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुराने अपराधों में प्रकाश आए अपराधियों को गतिविधियों पर कड़ी दृष्टि रखने और जेलों से धमकी देकर उगाही करने वालों की इलेक्ट्रानिक सर्विलांस किए जाने के भी निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने सक्रिय अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलकर उनकी निगरानी करने और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी पर जोर देने को कहा। फील्ड केसुपरवाइजर अफसरों को भी सक्रिय कर अपने काम को जिम्मेदारी से निर्वहन करने केलिए कहा गया है।
इसके अलावा पुलिस आधुनिकीकरण योजना में थानों को चुस्त-दुरुस्त बनाए जाने के लिए आवश्यक संसाधन और बड़े-बड़े थानों को एक अतिरिक्त वाहन उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किए जायेंगे। इसकेअलावा पुलिस चौकियों को चरणबद्ध तरीके से एक-एक मोटरसाइकिल और गतिशीलता बढ़ाने हेतु दी जाएगी। हर थाने को डिजिटल कैमरा भी दिया जाएगा ताकि महत्वपूर्ण साक्ष्यों की रिकार्डिंग़ कर उससे विवेचना में मदद ली जा सके और साक्ष्य केरूप में उसका इस्तेमाल किया जा सके। विवेचना में वैज्ञानिक साक्ष्य के प्रयोग के लिए जरूरी फोरेंसिक किट भी उपलब्ध करायी जाएगी।