बड़े बकायेदारो में मंत्रीजी का नाम लिखना भारी पड़ा तहसीलदार को

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फर्रुखाबाद: सत्ता और शासन में कुर्सी की अहमियत होती है उस पर बैठने वाले की नहीं| बसपा की सरकार में सपा विधायक नरेन्द्र सिंह यादव का नाम जिले के सबसे बड़े बकायेदारो की सूची में लिखा गया| चुनाव के बाद वोटो की गिनती होते ही जैसे ही सपा की सरकार बनने के आसार लगे विधायक जी का नाम आनन् फानन में तहसीलदार ने बकायेदारो वाले बोर्ड से पुतवा दिया| मगर ये तब्दीली भी तहसीलदार के काम न आई अन्तोगत्वा उनका तबादला हो ही गया| तहसीलदार सदर इस्लाम मोहम्मद जाना तो चाह रहे थे पश्चिम (सहारनपुर) भेज दिए गए पूर्व (झाँसी)| ये कोई पहली बार नहीं हुआ है फर्रुखाबाद के इतिहास में कई दफा हो चुका है| यही फर्क है आम आदमी और खास आदमी में| शायद इसीलिए आम आदमी नेता बनना चाहता है ताकि किसी की कोई मजाल उस पर न चले काम भले ही नैतिक हो या अनैतिक|

जब कोई नेता या मंत्री बनता है तो सिर्फ खुद में खो जाता है जनता में नहीं| जिले में प्राथमिक शिक्षा चौपट है| स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है| और मंत्रीजी स्वागत करवा रहे है पगडिया पहन रहे है| किस ख़ुशी में? क्या बदल गया है? कौन सा स्वर्ग आ गया है? आम आदमी जिसे नेता वोटर कहता है वो लोहिया अस्पताल में दबाई बाहर से खरीद रहा है, उसके बच्चो को पढ़ाने वाला मास्टर स्कूल नहीं जा रहा है, उसे पिछले साल की ड्रेस अभी तक नहीं दी गयी है, और जो दी गयी है उसमे से आधे का कमीशन अधिकारी खा गए है और मंत्रीजी पगड़ी पहन रहे है| बिजली वाले परेशान है| मुख्यमंत्री पेच कस रहे है बिजली का बकाया वसूलो| बेचारा अधिकारी डांट खाकर लौट आता है| दबे मन से अधिकारी बोल ही देता है जनता फिल्म जंजीर के पात्र अमिताभ के अंदाज में बोलती है- मेरी रसीद काटने से पहले जाओ और उनकी रसीद काट कर लाओ| फिर मेरी रसीद काटना| अब तहसीलदार उन्ही बकायेदारो को सलाम बजाएगा, उनका प्रोटोकाल लेगा| डाक बंगले में उनके चेले चपाटो के लिए नास्ते का इंतजाम करेगा| क्या यही सही मायने में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर का लिखा लोकतंत्र है|

जिले की हर तहसील में एक बोर्ड लगा होता है| जिस पर राजस्व बकाया के बड़े नाम दर्ज होते है| फर्रुखाबाद में भी ऐसा ही बोर्ड लगा है जिस पर कभी भाजपा नेता सुशील शाक्य, बसपा नेता सर्वेश अम्बेडकर और सपा विधायक (अब मंत्री) नरेन्द्र सिंह यादव का नाम शुसोभित हुआ| जब जब सत्ता बदली ये नाम बोर्ड से पोते गए मगर इसी ये महसूस मत कीजिये कि बकाया जमा हो गया| भाजपा की सरकार बनी तो सुशील शाक्य का नाम पोत दिया गया| और जब बसपा सत्ता में आई सर्वेश अम्बेडकर का नाम भी साफ़ किया गया| ये कुर्सी की ताकत है उस पर बैठने वाले की नहीं| अलबत्ता तहसीलदारों को जो अपनी ड्यूटी निभा रहे थे अपनी ईमानदारी के काम का कडुआ इनाम भी ऐसी ही मिला|

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील शाक्य का नाम बड़े बकायादारो में लिखा जाता था| उन्होंने कभी सोना पोल्ट्री फार्म के लिए बैंक से कर्जा लिया होगा, चूका नहीं पाए तो आरसी कट गयी| और यूं सुशील शाक्य का नाम बोर्ड पर लिखा गया| बसपा सरकार में लाल बत्ती पर घूमने वाले सर्वेश अम्बेडकर कभी टीवी मकेनिक हुआ करते थे| टीवी रेपयरिंग की दूकान के लिए बैंक से कर्जा लिया था चूका नहीं पाए तो बैंक ने आरसी काट दी| नेताजी का नाम तहसील सदर में टॉप टेन बकायादारो की सूची में छप गया| समय बदला बसपा की सरकार आई तो सबसे पहले उनका नाम पोता गया| हालात वही फिर से है| सरकार किसी की भी आये बदलता कुछ नहीं| केवल चेहरे बदलते है| बिजली विभाग के अनुसार नरेन्द्र सिंह यादव पर बिजली का लगभग 12 लाख का बकाया है मगर वे बिजली के सबसे बड़े बकायेदार नहीं है उनसे बड़े बकायेदार एचएम कोल्ड वाले हो गए है| उनके मुताबिक बकाया अभी वसूल नहीं हुआ है| अब नरेन्द्र सिंह यादव सपा सरकार में राज्यमंत्री है, लाल बत्ती से चलते है| एक लाल बत्ती लगाये पुलिस वाले आगे आगे चलते है सुरक्षा की वजह से| उनका नाम अब तहसील सदर में लगे बकायादारो के बोर्ड से पोत दिया गया है और बोर्ड पर नाम लिखवाने वाले तहसीलदार इस्लाम मोहम्मद का ट्रांसफर झाँसी हो गया है|