कमालगंज (फर्रुखाबाद): बेसिक शिक्षा विभाग में नवीन डिजाइन के अनुसार प्रस्तावित भूकम्परोधी भवनों के नाम पर आने वाली करोड़ों की धनराशि में कमीशनखोरी के चलते यह भवन रेत के महल साबित हो रहे हैं। जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर ग्राम प्रधान तक बंदरबांट के चलते वास्तविक निर्माण धनराशि प्रस्तावित इस्टीमेट की लगभग आधी ही रह जाती है। अब जाहिर है इतने पैसों में भूकम्परोधी भवन बनना तो दूर सीमेंट और मसाले के सामन्य मानकों तक का पालन करना मुश्किल हो जाता है।
विकासखण्ड कमालगंज के प्राथमिक विद्यालय बेहटा में निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्षाकक्ष के बीम का लेंटर रविवार को ही डाला गया था। हवा के तेज झोकों में ही यह लेंटर सोमवार को प्रातः लगभग 6 बजे भरभराकर ध्वस्त हो गया। सूचना मिलने पर निर्माण प्रभारी ने रातों रात ध्वस्त भवन का मलवा हटवाकर नये सिरे से निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया है। घटना की भनक लगने पर सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी सुमित वर्मा ने मौके पर पहुंचकर जांच की। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण की तकनीकी जांच करायी जायेगी और दोषी पाये जाने पर विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक व भवन निर्माण प्रभारी सर्वेशचन्द्र दीक्षित के विरुद्व कार्रवाई की जायेगी। मौके पर मौजूद ग्रामीणों मुन्शी सिंह यादव, शीशराम, मंदरीक बाथम, श्यामू, राजेन्द्र आदि ने लेंटर गिरने पर राहत की सांस लेते हुए कहा कि अच्छा हुआ यह पहले ही गिर गया वरना यदि इसके नीचे गांव के बच्चे बैठे होते तो जाने कितनी जानें चली जातीं।
प्राथमिक विद्यालय बेहटा की घटना बेसिक शिक्षा विभाग और उसके जिला समन्वयक निर्माण राजीव त्रिपाठी के लिए कोई नई बात नहीं है। प्राथमिक विद्यालय तुर्कीपुर (शमशाबाद), प्राथमिक विद्यालय उसमानगंज, (कमालगंज) में भी इसी वित्तीय वर्ष में निर्मित अतिरिक्त कक्षा कक्षों के लेंटर गिरने की घटनायें गत माह हो चुकी हैं।
मजे की बात है कि जिला समन्वयक निर्माण राजीव त्रिपाठी को घटना की जानकारी ही नहीं है। इस सम्बंध में पूछे जाने पर उन्होंने शासन की योजनाओं और बैठकों में व्यस्तता का हवाला देकर विद्यालय भवन निर्माण के निरीक्षण के अपने मुख्य दायित्व को पूरा न कर पाने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि वह घटना की जांच करेंगे।