प्राइमरी शिक्षक परीक्षा ड्यूटी पर, मासूमों की पढ़ाई चौपट

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फर्रुखाबादः जनपद में अधिकांश प्राइमरी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था चौपट पड़ी है। प्राइमरी विद्यालयों के अधिकांश शिक्षक या तो परीक्षा ड्यूटी कर रहे है या छुट्टी पर हैं। कुछ शिक्षक हैं भी वह भी विद्यालयों में लेट लपेट पहुंच रहे हैं। कुछ विद्यालय तो महीनों से शिक्षामित्रों के भरोसे ही चल रहे हैं। अब तक अधिकांश प्राइमरी विद्यालयों के सामान्य वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। मिड डे मील के नाम पर सिर्फ पीले चावल पर्याप्त समझे जा रहे हैं। वहीं कई विद्यालयों में ग्रामीणों ने सरसों व अरहर की फसल को भर रखा है।

आज जब जेएनआई रिपोर्टर ने क्षेत्र के ग्राम गुसरापुर में जाकर देखा तो पला चला कि सहायक अध्यापक जनार्दन कुमार मौके पर नहीं मिले। पूछने पर बताया गया कि बीआरसी केन्द्र गये हैं। सहायक अध्यापक सुमन परीक्षा ड्यूटी पर हैं। प्रधानाध्यापक दुर्वीन सिंह, अलका यादव शिक्षामित्र उपस्थित मिले। बजीफा एक किस्त बंटी है सामान्य व कक्षा एक के विद्यार्थियों की नहीं बटा है। बैग बांट दिये गये लेकिन ड्रेस आधे बच्चों को ही मिली है।

प्राइमरी विद्यालय डुडियापुर में प्रधानाचार्य दिनेश कुमार, सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार, शिक्षा मित्र अवनीश कुमार तैनात हैं। जिनमें से शिक्षामित्र अवनीश कुमार सारी शिक्षा व्यवस्था संभाले हुए बाकी सभी परीक्षा ड्यूटी कर रहे हैं। मिड डे मील नहीं बना, बजीफा वितरण हो गया जिसमें सामान्य वर्ग के बच्चों को बजीफा नहीं मिला है। ड्रेस और बैग वितरित कर दिये गये हैं।

प्राइमरी विद्यालय जानकीपुर में प्रधानाध्यापक सुनील कुमार, शिक्षामित्र प्रीती मौके पर पढ़ाते मिले। वहीं शिक्षामित्र सुनील कुमार अनुपस्थित मिले। यहां पिछड़े वर्ग के 103 व एस सी वर्ग के 9 बच्चों को बजीफा वितरित किया गया है। मिड डे मील बनता है लेकिन अधिकांश दिनों में चावल ही बनाये जाते हैं।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय जानकीपुर प्रधानाध्यापक दफेदार सिंह, सहायक अध्यापक विमलादेवी, सहायक अध्यापक महेन्द्र सिंह उपस्थित मिले। एमडीएम बनता है, बजीफा वितरित हो चुका है। ड्रेस भी वितरित कर दी गयी है।

प्राइमरी विद्यालय सोना जानकीपुर में प्रधानाध्याक विजय लक्ष्मी पाल, सहायक अध्यापक ममतादेवी, आदेश कुमारी, आदित्य कुमार, शिक्षामित्र सांत्वना तैनात हैं। जिनमें शिक्षा मित्र  सांत्वना देवी बच्चों को पढ़ा रहीं है बाकी ममतादेवी प्रसूति अवकाश पर व बाकी शिक्षक परीक्षा ड्यूटी कर रहे हैं। एमडीएम पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय का शामिल बनता है। डेªस व बजीफा वितरित हो गया लेकिन सामान्य वर्ग के बच्चों को बजीफा नहीं दिया गया।

प्राइमरी विद्यालय डबौआ में प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार, शिक्षामित्र अखिलेश कुमारी तैनात है। शिक्षामित्र अखिलेश कुमारी बच्चों को पढ़ा रहीं थी। प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार किसी कार्य से गये हुए थे। सामान्य का बजीफा नहीं बटा व ड्रेस भी नहीं वितरित की गयी।  23 मार्च से आज तक मिड डे मील नहीं बना है।

प्राइमरी विद्यालय हुसैनपुर बांगर में प्रधानाध्यापक आशिफ अली, सहायक अध्यापक साधना, शिक्षामित्र आशीष कुमार तैनात हैं। जिनमें से शिक्षामित्र आशीष कुमार के हवाले सारी शिक्षा व्यवस्था कर दी गयी है। प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षक परीक्षा ड्यूटी कर रहे है। नये व सामान्य वर्ग के बच्चों को बजीफा नहीं वितरित किया गया है।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय कांधेमई मिलिकिया में प्रधानाध्यापक राजेश कुमार यादव, सहायक अध्यापक चारू गंगवार तैनात हैं। जिनमें आज सुबह प्रधानाध्यापक राजेश कुमार 10ः30 बजे स्कूल में पहुंचे वही चारू गंगवार परीक्षा ड्यूटी कर रहीं हैं। अब तक सामान्य वर्ग के बच्चों का बजीफा नहीं वितरित किया गया है। अधिकांश दिनों में मिड डे मील में चावल ही बनाये जाते हैं।

प्राइमरी विद्यालय कांधेमई मिलिकिया में प्रधानाध्यापक शिव मोहन अवकाश पर चल रहे है। सहायक अध्यापक प्रदीप पाल परीक्षा ड्यूटी कर रहे हैं। शिक्षामित्र मुलायम सिंह के हवाले सारी शिक्षा व्यवस्था है। आज 10 बजकर 15 मिनट पर विद्यालय खोला गया। वहीं सामान्य व नवीन छात्रों को अभी तक बजीफा भी वितरित नहीं किया गया है। यहां भी एमडीएम में अधिकांश दिनों में चावल ही बनाये जाते हैं। बच्चों को ड्रेस अब वितरित की जा रही है।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय कांधेमई का भवन चटक गया है। जिससे मासूमों की जान को खतरा बना हुआ है। विद्यालय परिसर में ग्रामीणों ने सरसों व अरहर रखी ली है जिससे बच्चों के खेलने व पढ़ने तक को जगह नहीं बची है।

इन सारे स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद प्राइमरी विद्यालयों की शिक्षा चौपट ही नहीं वल्कि ध्वस्त हो चुकी है। ऐसे में आगे आने वाले दिनों में सक्षम व्यक्ति कोई भी अपने बच्चे को प्राइमरी में नहीं पढ़ाना पसंद करेगा, वह गांव के सड़क छाप मान्टेसरी में बच्चे को पढ़ाना बेहतर समझेगा।

इन सब खामियों के बाद भी प्रशासन को सिर्फ कागजी खानापूरी करने से ही फुर्सत नहीं है। ऐसे में प्राइमरी में पढ़ने वाले मासूमों का भविष्य चौपट दिखायी दे रहा है।