पुनरीक्षण के बावजूद सदर में 10 प्रतिशत फर्जी मतदाता

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फर्रुखाबाद: निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता पुनरीक्षण पर एड़ी चोटी का जोर लगा दिये जाने के बावजूद मतदाता सूची में फर्जी वोटरों की भरमार कम न हो सकी। नियमित बीएलओ की नियुक्ति व घर-घर जाकर मतदाता सूची दुरुस्त करने के निर्देशों के बाद भी यह बीएलओ न तो अपने स्कूल गये व न ही इन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम ईमानदारी से किया। स्थिति यह है कि केवल सदर विधान सभा क्षेत्र में ही लगभग 10 प्रतिशत फर्जी मतदाता हैं। मतदाता सूची निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, कोई भी इसका सत्यापन कर सकता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इन फर्जी मतदाताओं ने मतदान में भी भाग लिया। यदि हां तो फोटो युक्त मतदाता सूची की उपादेयता क्या रह गयी। यह मुद्दा तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब हार जीत का अंतर मात्र 100-150 वोटों के बीच का हो।

विदित है कि निर्वाचन आयोग ने विगत सामान्य विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के लिये व्यापक अभियान चलाया। इसमें बूथ स्तर पर बीएलओ नियुक्त किये गये। इनके लिये घर-घर जाकर सूची को दुरुस्त करने के अलावा अपने बूथ पर बैठ कर दावे व आपत्तियों को प्राप्त करने की जिम्मेदारी निर्धारित की गयी थी। इनमें से अधिकांश शिक्षक थे। बीएलओ ड्यूटी के बहाने इनमें से अधिकांश महीनों अपने विद्यालयों से गायब रहे। कई ने तो पुनरीक्षण का काम भी दूसरे शिक्षकों या बेरोजगार युवकों से ठेके पर काम करा लिया। खैर मुद्दा यह नहीं, मुद्दा यह है कि मतदाता सूची में हजारों फर्जी वोटर बचे रह गये। मतदाता सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कोई भी इसका आसानी से विश्लेषण कर सकता है। एक प्रत्याशी के द्वारा की गयी इस शिकायत के आधार पर हमने केवल A, Ab, Ac, Ad व Af से शुरू होने वाले सदर विधानसभा क्षेत्र के कुल मात्र 165 नामों की समीक्षा की तो उसमें 16 ना ऐसे नजर आये जिनकी नाम, वल्दियत व आयु समान थी। कुछ तो एक ही बूथ पर अंकित हैं। अब सवाल यह उठता है कि इनमें से कितनों ने दो बार या तीन बार वोट डाला। यह शोध का विषय हैं परंतु यह मुद्दा सदर विधान सभा क्षेत्र में महत्वपूर्ण इस लिये है कि यहां हार जीत का अंतर मात्र 147 रहा है। यदि फर्जी मतदाताओं की संख्या का इस आधार पर मोटा अनुमान लगाया जाये तो यह संख्या 33 हजार बनती है। यदि इसका आधा भी करलें तो भी लगभग 15-16 हजार मतदाता फर्जी बनता है। यदि यह सुनियजित है तो किसी भी प्रत्याशी की हारजीत के लिये पर्याप्त है।

बानगी प्रस्तुत है…….Fake Voters