यूपी में हो रहे विधान सभा चुनाव के चौथे चरण में जहां 30 प्रतिशत प्रत्याशी आपराधिक रिकार्ड के हंै वहीं तीसरे चरण में करोड़पतियों की भरमार है। इन बाहुबली व धनबलियों के भाग्य का फैसला चुनाव में होना है। चौदहवीं विधानसभा चुनाव में बड़े सियासी दलों ने माफियाओं व बाहुबलियों से तौबा कर ली है।
इन दलों ने अपनी पार्टियों से साफ-सुथरी छवि के उ मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है, लेकिन सियासी फायदे व जल्दी ही चर्चा में आने के लिए सूबे के छोटे सियासी दलों ने अन्य दलों से निकाले गए माफियाओं व बाहुबलियों को अपनी पार्टी में तरजीह दी है। इन दलों ने आपराधिक छवि के लोगों को टिकट देने में कोई गुरेज नहीं किया है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2012 के चौथे चरण में चुनाव लड़ रहे हैं 966 प्रत्याशियों में से 297 प्रत्याशियों के हलफनामों के विशलेषण में उनके विरूद्ध आपराधिक मामले पाये गए। जिसके अनुसार 35 प्रतिशत यानि 103 प्रत्योशियों के ऊपर आपराधिक मामलों की पुष्टिï हुयी है। जिनमें लखनऊ केन्द्रीय निर्वाचन क्षेत्र से सपा के उ मीदवार रविदास मल्होत्रा ने अपने खिलाफ सबसे ज्यादा 17 मामले घोषित किये हैं।
जिसमें 7 गंभीर धाराएं भी शामिल हैं। चित्रकुट से सपा के उ मीदवार वीर सिंह और कुंदर से निर्दलीय उम्मीदवार रघुराज प्रताप सिंह ने अपने खिलाफ 9 और 8 मामले दर्ज हैं। प्रत्याशियों के अपराधिक पृष्टïभूमि होने के बावजूद सभी मु य पार्टियों ने ऐसे उ मीदवारों को टिकट दिया है। जिन्होंने अपने विरूद आपराधिक मामलों की पुष्टिï की है।
सपा के 54 में से 29 यानि 54 प्रतिशत, कांग्रेस के 56 में से 25 यानि 45 प्रतिशत, बसपा के 56 में से 18 यानि 32 प्रतिशत, भजपा के 56 में से 11 यानि 20 प्रतिशत, पीस पार्टी के 22 में से 7 यानि 32 प्रतिशत, जेडीयू के 28 में से 5 यानि 18 प्रतिशत, अपना दल के 17 में से 5 यानि 29 प्रतिशत, कौमी एकता दल के 1 में से 1 यानि 100 प्रतिशत और बुन्देलखण्ड कांग्रेस के 6 में से 1 यानि 17
प्रतिशत ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की पुष्टïी की हैं और उन्हें पार्टी ने जनप्रतिनिधि के रूप में टिकट दिया है।
इन प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर मामले जैसे कि हत्या, हत्या की कोकशश, अपहरण, चोरी, जबरन धन उगाही आदि के मामले दर्ज हैं। अपराधिक प्रवृत्ति के साथ ही कई करोड़पति भी चुनावी मैदान में है। तीसरे चरण का चुनाव जो कि 15 फरवरी को होना है उसमें 122 ऐसे उ मीदवार हैं जो करोड़पति हैं। तीसरे चरण के उ मीदवारों में से 317 की स पत्तियों का ब्योरा निकालने परउसमें से 39 प्रतिशत करोड़पति पाये गये। इस चरण में कुल 1021 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि 35 वर्तमान विधायकों की स पत्ति में औसतन 310 प्रतिशत की वृद्धि पांच वर्षों में हुई। चुनाव सुधार पर काम कर रहे नेशनल एलेक्शन वाच की मानें तो 2007 में मात्र 22 प्रतिशत उ मीदवार करोड़पति थे