अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को लोकसभा से पारित लोकपाल विधेयक को जनतंत्र के लिए खतरा करार देते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचारियों के लिये मजबूत कवच साबित होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे संसदीय लोकतंत्र के ऊपर आंख मूंदकर विश्वास न करें।
अन्ना हजारे की मौजूदगी में मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि पूरी दुनिया में इससे कमजोर लोकपाल कानून कहीं नहीं है। इतनी बेशर्मी के साथ इस सरकार ने भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम किया है। यह विधेयक जनतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि हमने मांग की थी कि भ्रष्टाचार करने वाले की शिकायत यदि लोकपाल में आती है तो उसकी जांच छह महीने में पूरी की जाए लेकिन सरकार का जो विधेयक है उसमें जांच कब तब चलेगी इसकी कोई समय सीमा नहीं है। यह तो ढाक के तीन पात वाली बात है। केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। बदमाशी की है। सरकार को केवल लगता है कि सिर्फ नेता ही इस देश में ईमानदार हैं।
उन्होंने कहा कि न तो लोकपाल के चयन में हमारी बातों को रखा गया और न ही लोकपाल को निकालने में। लोकपाल का चयन सरकार के हाथ में रहेगा। इसलिए जो भी लोकपाल बनेगा वह सरकार के हाथ की कठपुतली बना रहेगा। उन्होंने कहा कि हमने मांग की थी कि लोकपाल को हटाने का अधिकार आम आदमी को हो। कोई भी लोकपाल को हटाने के लिए शिकायत कर सके लेकिन सरकार ने इसे भी खरिज कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को संरक्षण भी नहीं दे सकी है। पिछले एक साल में 13 ऐसे लोगों की हत्या कर दी जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की।