हिसार। हिसार का बंदाहेडी गांव अन्ना समर्थकों का गढ़ है। इस गांव ने ऐलान कर दिया है कि वो उसे ही वोट देंगे जिसे अन्ना जी कहेंगे। अन्ना तो पहले ही कांग्रेस के खिलाफ बयान दे चुके हैं। लोगों से कांग्रेस को सबक सिखाने की अपील कर चुके हैं। भ्रष्टाचार के शिकार लोगों को जनलोकपाल का सपना दिख रहा है लिहाजा वो पूरी तरह कांग्रेस के खिलाफ हो गए हैं।
गांव के मास्टर रामकुमार ने कहा कि पावर में होते हुए उसके पांच मंत्री जेल में हैं अगर लोकपाल बिल लागू हो गया तो कांग्रेस का क्या होगा उसको इसी बात का डर है। जब तक कांग्रेस पार्टी हमें लिखकर नहीं देती, हम कांग्रेस को वोट नही देंगे।
हिसार में गैर जाट वोटों का बोलबाला है। यहां 30 फीसदी ही जाट हैं, 70 फीसदी गैर जाट। यही नहीं अन्ना के सबसे प्रमुक सहयोगी अरविंद केजरीवाल का भी यहां खूब दबदबा है, लिहाजा कांग्रेस की सांस फूली हुई है। हाल ये हैं कि 15 दिन से खुद मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुडा भी नाक बचाने के लिए हिसार में ही डेरा डाले हुए हैं।
मामला यहीं तक सीमित नहीं है। दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गजों ने एक बार फिर अन्ना के खिलाफ मोर्चा खोला है। पूरी कोशिश है किसी तरह अन्ना का असर कम किया जाए। लिहाजा दिग्गी राजा ने संघ प्रमुख के भाषण का हवाला देकर हमला बोला।
हालांकि समीकरण के लिहाज से कांग्रेस के उमीदवार जयप्रकाश इस चुनाव में सबसे कमजोर माने जा रहे थे। पार्टी खुद ही उनके जीतने की उम्मीद नहीं कर रही थी लेकिन अन्ना के ऐलान ने अचानक उनका वजन बढ़ा दिया। उन्हें जिताने के नाम पर चौधरी विरेंदर सिंह और किरण चौधरी जैसे चेहरे भी हिसार का दौरा कर रहे हैं। देखना है कि क्या इसके बाद भी जयप्रकाश की चुनावी नैया पार लगती है या नहीं।