लखनऊ। पैसा लेकर तारीख देना तथा पैसा लेकर मुकदमें की तारीख बढ़वा देना कोर्ट कचहरी में आम बात है लेकिन अब वकीलों ने कहा कि वह रिश्वत से दूर रहेंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन से प्रदेश के वकील भी खासे प्रभावित हैं और उन्होंने कसम खायी है कि रिश्वत से दूर रहेंगे। न रिश्वत दें और न ही लेंगे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ और मजबूत जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की जंग रंग लाने लगी है और इसी का असर है कि प्रदेश में निचली अदालतों के वकीलों ने सुनवाई की तारीख के लिये रिश्वत नहीं देने का निर्णय लिया।
यह आम प्रचलन है कि सुनवाई की मन मुताबिक तारीखों के लिये वकीलों को रिश्वत देनी पड़ती है। वकीलों ने निर्णय लिया कि तारीखों के लिये न तो वह खुद रिश्वत देंगे और न ही अपने मुवक्किलों को देने देंगे। वकीलों ने बैठक करके निर्णय लिया कि अब सिविल अदालत में कोई भी वकील सुनवाई की तारीख के लिये रिश्वत नहीं देगा। वकीलों का कहना है कि उनकी इस पहल से इससे भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा। वहीं अन्ना के समर्थन में प्रदेश भर में वकीलों ने जुलूस निकाला।
प्रदेश के कई जिलों में वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर भी अपना विरोध जताया।अन्ना के समर्थन में केन्द्र सरकार के मंत्रियों के पुतले जलाये गये और धरना -प्रदर्शन दिन भर जारी रहा। शहर की तमाम संस्थाओं ने कैंडल मार्च निकाला। इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर अन्ना का समर्थन किया। अन्ना आंदोलन में बच्चों ने भी बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी दी। स्कूली बच्चों ने रैली निकालकर भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह से अपील भी की।