फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जिला जेल में बंद कैदी नें रूपये ना देनें पर जेलर पर लगभग तीन दिन भूखा रखकर उसकी जमकर पिटाई की और उस पर फर्जी मुकदमा लगाकर सजा दिलवानें की धमकी दी| बंदी की शिकायत पर न्यायालय नें उसका मेडिकल कराया| लोहिया में किये गये मेडिकल में कुल आधा दर्जन चोटें मिलीं| फिलहाल जेलर पर कार्यवाही की तलवार लटक गयी है|
कोतवाली मोहम्मदाबाद के मोहल्ला राजीव नगर निवासी विकास सक्सेना को जान लेवा हमले में दस साल कारवास की सजा मिली थी| विकास लगभग 45 महीनें से जिला जेल फतेहगढ़ में बैरक नंबर 5 बी में बंद हैं| इस बैरक में लगभग 33 बंदी हैं| विकास सक्सेना की फतेहगढ़ न्यायालय में डकैती के एक मामले में तारीख थी| विकास ने न्यायालय को बताया कि जिला जेल के जेलर ग्रीश कुमार नें अबैध वसूली के चलते उसके साथ मारपीट की| उसे धमकी दी की उसे जेल में मोबाइल रखनें के जुर्म में झूठा मुकदमा दर्ज कराया सजा कराकर जेल में ही मार-मार कर रखेंगे| जेल में उसे तीन दिन से खाना नही दिया|
बंदी विकास के मेडिकल में मिलीं आधा दर्जन चोटें
विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र तृतीय अपर जनपद व सत्र न्यायाधीश शैलेन्द्र सचान नें बंदी विकास के मेडिकल करानें के आदेश दिये| जिसके बाद पुलिस ने लोहिया अस्पताल में बंदी का मेडिकल परीक्षण कराया| मेडिकल ईएमओ डा. अभिषेक चतुर्वेदी नें किया| डा. अभिषेक नें बताया कि मेडिकल में बंदी विकास की दोनों कलाई के ऊपर डंडे या बेल्ट से पीटनें के निशान लगभग तीन मिले| दाहिनी जांघ पर एक चोट मिली, पीठ पर दाहिनी तरफ दर्द की शिकायत पायी गयी| न्यायालय नें 9 जनवरी को फिर से मेडिकल के बाद पत्रावली तलब की है|
मसक्कत के नाम पर होती अबैध बसूली
लोहिया अस्पताल में कैदी विकास सक्सेना नें आरोप लगाया कि जेलर ग्रीश कुमार कैदी की हैसियत के हिसाब से 5 हजार से लेकर दो लाख रूपये तक मसक्कत के नाम पर बसूल करते हैं| आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों से 5 हजार से लेकर 30 हजार तक व आर्थिक मजबूत बंदियों से लाखों में चढ़ावा लिया जाता है| कैदी विकास नें बताया कि उससे जेलर नें 20 हजार रूपये ले लिए और रुपयों की मांग कर रहे थे| रूपये ना देनें पर उसकी पिटाई की| रूपये ना देने पर बंदियों को ईटें तोड़नी पड़ती हैं|
सब्जी व पनीर की होती बिक्री
कैदी विकास का आरोप है कि सब्जी व पनीर को मंहगे दामों पर बंदियों को बिक्री किया जाता है|इससे भी अच्छी कमाई जेलर करते हैं | जिला जेल के जेलर ग्रीश कुमार नें जेएनआई को बताया कि आरोप लगानें वाला कैदी हिस्ट्रीशीटर है| वह नये आयें हैं कैदी दबाब बनानें के लिए आरोप लगा रहा हैं| जिला जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद नें जेएनआई को बताया कि जेल में मारपीट नही हुई| आरोप गलत है|