फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) नगर के डीपीबीपी कॉलेज में चल रहे 21 वें मानस सम्मेलन में श्री राम विवाह की कथा सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए चौथे दिन मानस भूषण अरिमर्दन शास्त्री ने मानस के कई रोचक प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि सनातन धर्म प्रभु राम को तो मानता है उनकी पूजा करते हैं लेकिन उनकी मानते नहीं है उनके आदर्शों पर नहीं चलते माता-पिता की सेवा करने पर व्यक्ति कभी दुखी नहीं रह सकता मानस की एक एक चौपाई मानव कल्याण के लिए किसी मंत्र से कम नहीं है अगर इंसान मानस के आदर्श को आत्मसात कर ले तो उसका कल्याण निश्चित है
राजकुमारी मानस माधुरी ने कहा कि मानस का नित्य पूजन करने से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं सनातन धर्मियों को मानस का पाठ प्रतिदिन श्रद्धा पूर्वक करना चाहिए उन्होंने कहा कि दुनिया चाहे छूट जाए परंतु प्रभु का नाम नहीं छूटना चाहिए|
प्रीति रामायणी ने श्री राम कथा की अमृत वर्षा करते हुए कहा कि सत्य और धर्म का मार्ग कठिन होता है मानस में वर्णित हर चरित श्रद्धा भक्ति त्याग का प्रतीक है साधना शर्मा रामायणी ने रामचरितमानस को संसार का सबसे पवित्र ग्रंथ बताते हुए कहां है कि मानस भक्ति श्रद्धा त्याग प्रेम की शिक्षा देती है उपदेश देना बहुत आसान परंतु उपदेशों पर चलना उतना ही कठिन होता है उन्होंने कहा कि सीता जैसी पत्नी सभी को चाहिए पर राम बनना कोई नहीं चाहता अगर सीता जैसी पत्नी चाहिए तो पहले राम बनना पड़ेगा| आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ला रामायणी ने प्रभु राम के आदर्श पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम का जीवन चरित्र प्रेरणादायक है आचार्य अरविंद कुमार चतुर्वेदी ने मानस से जुड़े कई प्रसंगों की चर्चा करते हुए कहा कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान का जन्म होता है आदित्य कुमार त्रिपाठी ने भी श्री राम कथा की अमृत वर्षा करते हुए कई प्रेरणादायक प्रसंग पर चर्चा की| संचालन संत कवि बृज किशोर सिंह किशोर ने किया| संयोजक भारत सिंह, राजेश निराला, डॉक्टर विष्णु दत्त शर्मा,शकुंतला कनौजिया, चंदन सिंह, गगन सिंह, मनोज दीक्षित, रविंद्र भदोरिया, मुकेश सिंह, राहुल कनौजिया, संजय गुप्ता, मनीष गुप्ता ने व्यवस्था में सहयोग किया|