फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पितृ पक्ष पर विसर्जन आश्विन कृष्णा अमावस्या पर शहर के गंगा किनारे घाटों पर सुबह से ही पितरों का तर्पण और पिंडदान के लिए लोग भोर पहर से ही उमड़ते नजर आए। शहर के पांचाल घाट पर सुबह से लोगों ने विधिवत पितरों को याद कर श्राद्ध पूजन व पिंडदान किया।
इस बार पितृ पक्ष 16 दिन तक रहा और बुधवार को विसर्जन अमावस्या पर अंतिम पिंडदान किया गया। इसके साथ ही विसर्जन अमवस्या पर वो लोग भी श्राद्ध पूजन करते हैं, जिन्हें पितर के तर्पण सही तिथि का बोध नहीं होता है। मान्यता है की अमवस्या पर किया गया पिंडदान पितृ पक्ष की सभी तिथियों जैसा ही फल देता है। इसे देखते हुए बुधवार की भोर पहर से ही पांचाल घाट पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। गंगा में स्नान करने के बाद घाट पर विधिवत रूप से पितरों को जल अर्पित किया और पिंडदान व श्राद्ध पूजन किया। लोगों ने गंगा नदी के बीच में खड़े होकर हाथ में कुश लेकर पितृ देव को याद किया और जल छोड़ते हुए पुष्प और तेल अर्पित किया। तर्पण के बाद लोगों ने यथाशक्ति के मुताबिक ब्राह्मणों को दान किया और भोजन कराया। ब्राह्मणों व कन्याओं को भोजन कराने से पहले कौवा, गाय और कुत्ते के लिए भोजन निकालकर आमंत्रित किया गया।