फर्रुखाबाद:(अमृतपुर संवाददाता) गुरुवार को जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद के निर्णय के अनुसार फर्रुखाबाद जनपद का स्थापना दिवस विद्यालयों में फर्रुखाबाद जनपद के इतिहास एवं भौगोलिक स्थिति को लेकर मनाया गया|
जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जनपद के समस्त विद्यालयों में संगोष्ठी ,प्रश्नोत्तरी ,निबंध प्रतियोगिताएं भाषण प्रतियोगिताएं, आयोजित करवाई गई| जिसमें अनेक विद्यालयों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया| जिला पर्यटन अधिकारी डॉ० चित्रगुप्त श्रीवास्तव ने बताया इस प्रतियोगिता में विजयी बच्चों को रामनगरिया के अवसर पर फर्रुखाबाद महोत्सव एवं स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में पुरस्कृत किया जाएगा| उन्होंने एक पांचाल शोध एवं विकास समिति गोष्ठी का भी आयोजन किया| जिसमें पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास समिति के सदस्यों के साथ-साथ अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे इस अवसर पर बोलते हुए| सुरेंद्र सिंह सोमवंशी एडवोकेट ने कहा कि फर्रुखाबाद का इतिहास बहुत पुराना है इसको 300 वर्षों में समेटना इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना माना जाएगा| प्राचीन पांचाल क्षेत्र के रूप में फर्रुखाबाद पूरे देश में प्रसिद्ध है| इस अवसर पर बोलते हुए भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा के मोहम्मद खां बंगश ने 52 गांव को जोड़कर फर्रुखाबाद नगर नाम दिया किंतु यह क्षेत्र उससे बहुत ज्यादा विस्तृत था और गजेटियर में साफ-साफ लिखा है कि 10 नवंबर 1801 को अवध के नवाब से अंग्रेजों ने यह जनपद बनाने के लिए एमओयू साइन किया। अवध के नवाब ने बंगश से पहले ही ले लिया था| राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इतिहास संकलन समिति के संजय कुमार ने कहा कि भारत का अत्यंत प्राचीन इतिहास है जिससे विगत में भयंकर छेड़छाड़ की गई आज इस बात की महती आवश्यकता है कि सही तथ्य सामने लाये जायें| उन्होंने प्रत्येक जनपद में इतिहास संकलन समिति की स्थापना पर जोर दिया और कहा की प्राचीन ग्रंथों अभिलेखों इमारतों से जो भी तथ्य मिले उन्हें सामने लाकर देश को सही इतिहास से परिचित कराने की आवश्यकता है| डॉ० मुकेश सिंह राठौर, अनिल प्रताप सिंह, सुरेंद्र पांडेय, प्राचार्य अनिल सिंह, प्रभा शंकर औदीच्य, एमआर पाल, शरद चंदेल, संजीव सिंह आकिब खान डॉ० मनीष द्विवेदी, डॉ० रामनरेश सिंह यादव आदि रहे ।