फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) बिना एनओसी चल रहे ईंट भट्ठों पर जिलाधिकारी की नजर टेंडी हो गयी है| उन्होंने साफ कहा कि बिना एनओसी के कोई भी ईंट भट्टा संचालित नही हो सकेगा | इससे ईंट भट्ठा संचालकों में खलबली मची है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बिना एनओसी एवं रायल्टी जमा किए बिना अधिकतर ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। वायु को प्रदूषित करने और जमीन की उर्वरा शक्ति को कम करने में ईंट भट्ठे महती भूमिका निभा रहे हैं। भट्ठा प्रदूषण न फैलाए, इसके लिए इनके संचालन का नियम काफी सख्त रखा गया है लेकिन भट्ठा संचालक स्थापना के लिए बनी नियमावली का ही भट्ठा बैठा रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण के चलते जहां जनमानस घातक बीमारियों की चपेट में आ रहा है वहीं फसलों व फलों का उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है। अधिकतर ईंट भट्टे अपना संचालन अमानक तरीके से कर रहें है| उनके पास सबसे महत्वपूर्ण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी नही है| कुछ की रायल्टी जिला प्रशासन नें जमा भी करवायी लेकिन उनकी एनओसी ना होनें से वह अमानक है| जनपद में लगभग 150 ईंट भट्टे संचालित हैं| जिस पर जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह सख्त हो गये है| उन्होने साफ लहजे में कहा है कि मानक पूरे ना करनें वाले भट्टों का संचालन रोंका जायेगा|
ईंट भट्ठा चलाने के मानक
कोई भी भट्ठा नगर पालिका परिषद अथवा नगर पंचायत क्षेत्र के पांच किलोमीटर के भीतर नहीं स्थापित किया जाएगा, आबादी से कम से कम 500 मीटर दूर, रजिस्टर्ड चिकित्सालय, स्कूल, सार्वजनिक इमारत, धार्मिक स्थानों अथवा किसी ऐसे स्थान जहां ज्वलनशील पदार्थों के भंडारण स्थल के एक किलोमीटर दूरी के भीतर स्थापित नहीं होगा, प्राणी उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य, ऐतिहासिक इमारतों, म्यूजियम आदि से पांच किलोमीटर दूरी होनी चाहिए, रेलवे ट्रैक से 200 मीटर व राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग के दोनों किनारों से 300 मीटर दूरी होनी चाहिए, एक ईंट भट्ठे से दूसरे ईंट भट्ठे की दूरी 800 मीटर दूरी हो, फलपट्टी क्षेत्र के बफर जोन में ईंट भट्ठा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खनन, जिला पंचायत विभाग से एनओसी, पर्यावरण सहमति पत्र व लाइसेंस आवश्यक, मिट्टी खनन के लिए खनन विभाग की अनुमति जरूरी, लोहे की बजाय सीमेंट की होनी चाहिए चिमनी, पर्यावरण लाइसेंस व प्रदूषण विभाग से एनओसी जारी होनी चाहिए। डीएम मानवेन्द्र सिंह नें बताया कि बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एनओसी वाले ईंट भट्टों की चिमनी में आग नही लग सकेगी| उन्होंने शासन के निर्देश पर कुछ की रायल्टी जमा करायी गयी थी| लेंकिन उसके बाद भी उन्हें एनओसी लेनी ही होगी| यदि बिना एनओसी वाले भट्टों पर कार्यवाही होगी|
![](https://jnilive.mobi/wp-content/uploads/2021/10/BHTTA.jpg)