फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) हिदू पंचांग के अनुसार कार्तिक त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं और धन-वैभव की कामना संग लोग इस दिन आभूषण व बर्तन आदि की भी निश्चित खरीदारी करते हैं। गुरुवार को धनतेरस पर सुबह से रात तक बाजार गुलजार रहे। खरीदारी को लेकर नगर में पूरे दिन लोगों का रेला लगा रहा। इसमें सबसे अधिक वाहनों की ही बिक्री हुई। दोपहिया व चार पहिया को मिलाकर करोड़ों रुपये का कारोबार हुआ। इसके अलावा गहनों, कपड़ों व बर्तन तथा इलेक्ट्रानिक उत्पादों की भी जबर्दस्त बिक्री रही। इस तरह अनुमानित तौर पर जिले भर में करोड़ रुपये से भी अधिक का कारोबार हुआ।
इस साल आर्थिक मंदी की शोर के बीच भी दुकानों में देर रात तक लगी भीड़ पिछले साल से भी ज्यादा दिख रही थी। दुकानदार मंदी के शोर को लेकर घबराए हुए थे। उन्हें डर था कि इस साल उनका कारोबार अच्छा नहीं चलेगा, लेकिन जब लोगों की भीड़ बाजारों में उमड़ी तो दुकानदारों के चेहरे खिल उठे। चौक में स्थित इलेक्ट्रानिक सामानों की बिक्री करने वाले कई दुकानदारों ने बताया कि पिछले से बिक्री ज्यादा हुई है। कपड़े, बाइक, गहने, किराना सामान आदि की बिक्री के भी पिछले साल से ज्यादा होने की रिपोर्ट हैं।
इस पावन पर्व पर हर किसी ने छोटे-बड़े सामानों की खरीदारी की। शहर में महिलाओं की काफी भीड़ रही। धनतेरस की दिन झाड़ू की खरीददारी शुभ माना जाता है। ऐसे में हर घर में एक न एक झाडू की खरीदारी अवश्य की गई। नगर में झाड़ू की कई दुकानें लगी थी। स्वर्ण आभूषणों का कारोबार भी अच्छा चला। कई दुकानों पर तो लोग अपनी बारी का लंबे समय तक इंतजार करते रहे। इसमें लोगों ने चांदी व सोने के सिक्कों से लेकर गहनों तक की जमकर खरीदारी की। सबसे अधिक लोगों ने हीरे के गहनों की खरीदारी की। इन सबके अलावा इलेक्ट्रानिक उत्पादों की भी खूब बिक्री रही। इसमें टीवी, फ्रिज, वाशिग मशीन, कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल आदि की सबसे अधिक बिक्री रही। नगर के कुछ बड़े प्रतिष्ठानों पर तो रात तक ग्राहकों का तांता लगा रहा। -जाम में दिन भर फंसे रहे लोग
धनतेरस के दिन नगर में जाम के कारण सभी लोग परेशान रहे। पुलिस की ओर से जाम न लगे इसके लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा था, लेकिन बाइक व ई-रिक्शा के चलते कहीं भी जाम से निजात नहीं मिल पा रही थी। जाम में फंसे लोग भी इस दिन को यही बोल रहे थे कि चलो दो दिन की बात है। इस दरम्यान सबसे ज्यादा दिक्कत बजुर्गों को हो रही थी। उन्हें पैदल चलने के लिए भी सड़क पर जगह नहीं थी। बहुत से लोग यह भी बोल रहे थे कि प्रशासन पर्व के दिन केवल ई-रिक्शा का परिचालन बंद करा दे तो भी जाम नहीं लगेगा। नगर में जाम लगाने में सबसे बड़ी भूमिका ई-रिक्शा का है।
झाड़ू से जुडी धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, उसमें माता लक्ष्मी का वास होता है। झाड़ू को नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाला और सकारात्मकता का संचार करने वाला माना जाता है। झाड़ू को बुराइयों को नाश करने वाला भी कहा जाता है। यह घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर घर लाने से आर्थिक तंगी दूर होती है। कर्ज की स्थिति से मुक्ति मिलती है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर लाया जाता है और उसे लिटाकर रखते हैं। खड़ा झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है। झाड़ू को हमेशा ही छिपाकर रखते हैं तथा कोशिश करते हैं कि वह पैर से न लगे। पैर से लगने पर इसे माता लक्ष्मी का अनादर माना जाता है।