वाराणसी: पत्नी से नाजायज संबंध के शक में एक चाचा अपने ही भतीजे का कातिल बन बैठा और हंसता-खेलता परिवार पल भर में बिखर गया। ऐसा ही मामला शनिवार को मुरीदपुर गांव में सामने आया। बदले की आग में जल रहे चाचा विनय चौबे ने सो रहे भतीजों सूरज चौबे उर्फ अमन (17 वर्ष) व बादल चौबे (14 वर्ष) पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। अस्पताल ले जाते समय अमन की रास्ते में मौत हो गई, जबकि बादल की हालत गंभीर बनी हुई है। कातिल चाचा अपनी पत्नी को भी जान से मार देना चाहता था, लेकिन उसने बाथरूम में छिपकर अपनी जान बचाई। पुलिस हिरासत में कड़ाई से पूछताछ होने पर चाची श्वेता ने हत्या के राज से पर्दा उठाया। वहीं घटना के बाद से ही विनय फरार है।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक मृतक के पिता जयप्रकाश अपने भाई विनय के साथ मुंबई में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते थे। लाकडाउन के बाद दोनों परिवार समेत घर आ गए। यहां गांव में जयप्रकाश अपनी पत्नी रेखा, दो बेटों सूरज व बादल के अलावा भाई विनय व उसकी पत्नी श्वेता एवं उनके एक वर्षीय पुत्र के साथ रहते थे। शनिवार की रात गांव के मकान के एक कमरे में सूरज और बादल एक चारपाई पर सोए थे। वहीं श्वेता पास के कमरे में सोई थी। पुलिस के मुताबिक पत्नी और घायल बादल ने बताया कि विनय ने ही भोर में हमला किया था।
दरअसल, विनय को शक था कि भतीजे सूरज का उसकी पत्नी से अवैध संबंध है। भोजन के बाद रात में विनय व श्वेता में इस बात को लेकर झगड़ा भी हुआ था। वहीं भोर में चार बजे के करीब भी दोनों में विवाद हुआ, जिसके थोड़ी देर बाद विनय कुल्हाड़ी लेकर आया और सो रहे सूरज पर टूट पड़ा। सूरज के चेहरे व गले पर एक के बाद एक कई वार किया। भाई की चीख सुन बादल जाग गया और उसे बचाने आया। विनय ने उसे भी नहीं बख्शा। उस पर भी जानलेवा वार किए। बुरी तरह घायल दोनों भाई चिल्लाते हुए कमरे से बाहर भागे। सूरज भूसे वाले कमरे में जाकर गिर पड़ा, जबकि बादल बाहर बरामदे में दादा के पास आ गया।
दोनों के भागने के बाद विनय पत्नी श्वेता को मारने के लिए गया, मगर उसने बाथरूम में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई। उधर, दोनों पौत्रों की हालत देख दादा-दादी चीखने-चिल्लाने लगे। शोर सुनकर विनय घर के पीछे से कूद कर भाग निकला। वहीं ग्रामीण आटो से दोनों घायलों को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही सूरज ने दम तोड़ दिया तो वहीं बादल की हालत नाजुक बनी हुई है। एसपी ग्रामीण मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि आरोपित की तलाश जारी है।
घायल बादल ने लिया चाचा का नाम
एसपी ग्रामीण के मुताबकि विनय को पत्नी श्वेता व भतीजे सूरज के बीच अनैतिक संबंध का शक था। इस चक्कर में अक्सर पति-पत्नी में झगड़ा होता था। सूरज पर हमले के दौरान बचाने आए बादल को भी वह मारना चाहता था, लेकिन वह बच गया। पिता जयप्रकाश ने अपने भाई व पत्नी पर हमला करने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी थी। घटना के बाद से विनय फरार था। शक के आधार पर पुलिस ने श्वेता को हिरासत में लिया और पूछताछ की। वहीं अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे बादल ने चाचा का नाम लेकर रहस्य से पर्दा ही उठा दिया। इसके बाद जब पुलिस ने कड़ाई से श्वेता से पूछताछ की तो वह टूट गई और सारी बातें बता दी।
तीन महीने से बना रहा था हत्या की योजना
विनय तीन महीने से हत्या की योजना बना रहा था। बच नकिलने के दांव-पेच समझने के लिए वह पिछले दो-तीन महीने से नियमित तौर पर ‘क्राइम पेट्रोल’ देखता था। पुलिस की पूछताछ में उसकी पत्नी ने बताया कि उसने एक सप्ताह पहले कुल्हाड़ी खरीदी थी। पुलिस उसके ठिकाने का पता न लगा सके, इसके लिए हत्या के बाद वह अपना मोबाइल भी घर पर ही छोड़ गया।
बंसवारी के पास मिली हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी
एसपी ग्रामीण के मुताबिक हत्या के बाद विनय मकान के पीछे छत से कूदकर बंसवारी होते हुए भाग निकला। रास्ते में कई जगह खून मिला। डाग स्क्वायड की टीम भी उसी रास्ते पर गई। बंसवारी के पास पहुंचकर खोजी कुत्ता रुक गया। जहां से खून में सनी कुल्हाड़ी मिली। शक के आधार पर सामने के घर से पिता-पुत्र को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ भी दिया गया।
पारिवारिक कलह को बताई वजह
मृतक के पिता जयप्रकाश की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक गांव के मकान को बनवाया जा रहा है। दस दिन पहले निर्माण सामग्री की ढुलाई की जा रही थी। विनय भतीजों के सिर पर अधिक वजन लाद रहा था। इसे लेकर जयप्रकाश ने विनय को डांटा था, जिसके बाद दोनों भाइयों में विवाद भी हुआ था। इसी को लेकर विनय ने उनके दोनों बेटों पर हमला किया है।
घर में छाया रहा मातमी सन्नाटा
घटना के बाद दादा राजकिशोर घायल पौत्रों को लेकर अस्पताल भटते रहे। पिता किसी काम से आजमगढ़ गए हुए थे, तो वहीं माता रेखा अपने भाई के यहां दिल्ली गई हुई थीं। घर पर केवल दादी प्रभावती देवी थीं, जिनकी मानसिक दशा ठीक नहीं रहती। लिहाजा गांव में दूसरे के यहां उन्हें रखा गया। घर में मातमी सन्नाटा छाया रहा। कोई रोने-बिलखने वाला तक नहीं था। दोपहर बाद जब बच्चों के पिता जयप्रकाश गांव पहुंचे, तो अवाक रह गए। उन्हें ढांढस बंधाने व शोक-संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा।
बोले पुलिस अधिकारी
मामले में आरोपति की पत्नी की भूमिका भी संदिग्ध है। उसे जेल भेज दिया गया है। गंभीर रूप से घायल बादल चौबे अब खतरे से बाहर है। वहीं आरोपित की तलाश की जा रही है। -अमित पाठक, एसएसपी।