चार माह के शोध के बाद तैयार हुआ एन-95 फिल्टर मास्क बनेगा कोरोना कवच

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कानपुर: कोरोना वायरस से बचाव करने वाला मास्क अब और शक्तिशाली होगा। शहर के उद्यमी सुनील शर्मा ने ऐसा पहला पांच लेयर एन-95 फिल्टर मास्क बनाया है जिसकी दीवारें भेदकर अतिसूक्ष्म कण अंदर नहीं आ सकेंगे। इस मास्क में नॉन वोवन स्पन बांड की दो लेयर, फिल्टर मीडिया की दो लेयर व हॉट एयर कॉटन की एक लेयर लगाई गई है। सबसे ऊपर लगाई गई नॉन वोवन स्पन बांड लेयर किसी भी प्रकार के लिक्विड को पास होने से रोकती है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से स्वीकृति मिलने के बाद उन्होंने इस मास्क का उत्पादन शुरू कर दिया है। लिवसेफ प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत सुनील शर्मा ने चार महीने शोध के बाद इस मास्क का डिजाइन तैयार किया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 50 हजार मास्क बनाए जाने का लक्ष्य है। इसे देश के अस्पतालों व मेडिकल स्टोर में दिए जाने के साथ विदेश में भी निर्यात करेंगे।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड में पास होने के बाद इस प्रकार के मास्क को जांच की कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। यह सभी पूरे होने के बाद ही मास्क उपयोगी होता है। उनका यह मास्क वो सभी मानक पूरे करने में सक्षम है जो कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है। प्रतिदिन 50 हजार मास्क बनाने का लक्ष्य है। इसको अस्पतालों व मेडिकल स्टोर अलावा विदेश में निर्यात किया जाएगा।
इस हफ्ते बाजार में आ जाएगा यह मास्म
उद्यमी ने बताया कि यह मास्क इस हफ्ते बाजार में आ जाएगा। आम आदमी के बजट को ध्यान में रखते हुए इसकी कीमत तय की गई है। यह 132 रुपये में मिलेगा।
0.3 माइक्रॉन के कण को रोकेगायह मास्क बेहद सूक्ष्म कणों को रोकने में सक्षम है। इसमें 0.3 माइक्रॉन के फिल्टर मीडिया का इस्तेमाल किया गया है। यह इस माइक्रॉन तक के वायरस व बैक्टीरिया लिक्विड व सूखे कणों को रोकेगा। सुनील शर्मा ने बताया कि किसी भी कोविड-19 वायरस का आकार औसत 0.06 से 1.4 माइक्रॉन के बीच होता है। इसके अलावा किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया का साइज एक माइक्रॉन तक होता है।