हरदोई: कोरोना वायरस महामारी के बीच डॉक्टर को ‘धरती के भगवान’ से संबोधित किया जा रहा है। वहीं, कहीं मरीजों के उपचार में डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हो रही है। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने पुरुष की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में उसके पेट में बच्चादानी बता दी। इस खबर से मरीज के परिवारजन भी दंग रह गए। हालांकि, दूसरे चिकित्सक से जांच कराई तो पहली रिपोर्ट गलत निकली तो राहत की सांस ली। मरीज के बेटे ने संडीला पुलिस और सीएमओ से शिकायत की है।
ये है पूरा मामला
मामला जिले स्थित संडीला के बंधुआमऊ का है। यहां के निवासी नंदकिशोर चौरसिया पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनके पुत्र शिवम चौरसिया ने बताया कि नौ सितंबर को वह पिता को लेकर संडीला के एक निजी हॉस्पिटल में पहुंचे। जहां पर चिकित्सकों ने अपने अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड कराया। इसके बाद उपचार में कोई फायदा न होने पर शिवम पिता को लेकर घर चले आए। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखाई तो पिता के पेट में बच्चादानी बताई गई। यह सुनकर सभी के होश उड़ गए। इसके बाद फौरन दूसरे चिकित्सक के पास लेकर गए। वहां पर अल्ट्रासाउंड में बच्चेदानी जैसी कोई बात सामने नहीं आई। शिवम ने इस मामले की शिकायत कोतवाली में की है।
क्या कहती है पुलिस?
कोतवाल सूर्यकुमार शुक्ला ने बताया कि मामला उनके क्षेत्र में नहीं आता तो उसने सीएमओ से शिकायत की। सीएमओ ने चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा है।
डॉक्टर बोले- बच्चेदानी जैसी बात मानवीय भूल
वहीं, हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. फैसल आफताब ने बताया कि मानवीय भूल से ऐसा हुआ, उन्होंने रिपोर्ट देखी तो उसके बाद ही नंदकिशोर को फोन कर दूसरा अल्ट्रासाउंड करने के लिए बुलाया पर वह नहीं आए। बच्चेदानी जैसी बात मानवीय भूल से हो गई है।