Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeCRIMEफर्रुखाबाद में फर्जी सहायक अध्यापक निकला अनामिका शुक्ला केस का मास्टरमाइंड

फर्रुखाबाद में फर्जी सहायक अध्यापक निकला अनामिका शुक्ला केस का मास्टरमाइंड

लखनऊयूपी  में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के सहारे दो दर्जन से अधिक शिक्षिका की अनामिका शुकला के नाम पर भर्ती कराने वाला पुष्पेंद्र उर्फ नीतू उर्फ गुरुजी भी बड़ा नटवारलाल है। साथियों के साथ एसटीएफ की गिरफ्त में आने वाला गुरुजी भी फर्जी डॉक्युमेंट्स फर्रुखाबाद में नौकरी कर रहा था।
अनामिका शुकला फर्जी शिक्षिका प्रकरण का मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र फर्रुखाबाद में सुशील के फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहा था। वह वहां पर सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। फर्जी शिक्षक भर्ती का सरगना भी फर्जी अध्यापक है। उसने एसटीएफ के साथ पूछताछ के दौरान धीरे-धीरे अपने राज खोले। पुष्पेंद्र उर्फ राज उर्फ गुरुजी उर्फ सुशील फर्रुखाबाद के सरकारी विद्यालय में सहायक शिक्षक है। उसने खुद यह नौकरी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर हासिल की। इतना ही नहीं यहीं से इस गैंग की शुरुआत भी हुई। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुष्पेन्द्र ने एसटीएफ को बताया कि वह खुद सुशील पुत्र गुलाब चन्द्र निवासी कुंवरपुर खास के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर काम कर रहा था। उसने बताया कि इस गैंग की शुरुआत वर्ष 2010 में उस वक्त हुई जब वह प्रधान लिपिक रामनाथ के सम्पर्क में आया। रामनाथ के सहयोग से उसने अंजली पुत्री राम खिलाड़ी नाम की महिला को केजीबीवी में नियुक्ति कराई थी। अंजली की समयावधि पूर्ण होने पर उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त करवाया। इसके बाद उसने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर इत्रनगरी कन्नौज में नियुक्त कराया था। रामनाथ के माध्यम से ही उसकी आनन्द से मुलाकात हुई थी।
पुष्पेंद्र उर्फ राज खुद भी नाम बदलकर कायमगंज तहसील के गांव कुंवरपुर खास के प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक था। वह सुशील कौशल के नाम से करीब छह वर्ष से वह नौकरी कर शासन को चकमा दे रहा था।अनामिका शुक्ला के नाम से कासगंज में नौकरी कर रही कायमगंज के गांव रजपालपुर की सुप्रिया जाटव पकड़ी गई। इसके बाद इस मामले मे रहस्य की परतें खुलनी शुरू हुईं। इसके बाद इसी गांव के फर्जी पते की रीना का मामला प्रयागराज में खुला। तभी से घटना के तार कायमगंज से जुड़े थे। इस मामले की जांच में जुटी एसटीएफ ने गिरोह के मास्टर माइंड पुष्पेंद्र सिंह उर्फ राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी निवासी नगला खराव, थाना भोगांव जनपद मैनपुरी समेत दो को गिरफ्तार किया। पुष्पेंद्र सिंह कायमगंज क्षेत्र के कुंअरपुर खास प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर तैनात था। कुंअरपुर खास के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह के मुताबिक अभिलेखों में उसका नाम सुशील कुमार कौशल पुत्र गुलाबचंद्र निवासी ग्राम खेरा भाग जथरथपुर तहसील भोगांव जिला मैनपुरी दर्ज है। वह इस स्कूल में अगस्त, 2014 से तैनात है। इस स्कूल मे प्रधानाध्यापक के अतिरिक्त सुशील कौशल के अलावा अध्यापक नईम अख्तर, संग्राम वीर बहादुर सिंह तथा शिक्षामित्र राका मिश्रा व अर्चना पाठक तैनात हैं। प्रधानाध्यापक के मुताबिक पांच वर्ष से अधिक समय तक साथ होने बावजूद उसने यह जाहिर न होने दिया कि वह फर्जी नाम से काम कर रहा है। अध्यापकों व बच्चों के प्रति उसका व्यवहार सामान्य था।
वह लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से पहले मार्च 2020 तक यहां आया है। वह अक्सर बाइक से आता था। कई बार उसके साथ एक युवती भी गांव आई, जिसे वह अपनी बहन बताता था। ग्राम प्रधान रियासुद्दीन के मुताबिक गांव में उसका अधिक व्यवहार नहीं रहा। बातचीत से वह चालू किस्म का लगता था। एक दो बार उसका स्टाफ में कुछ विवाद भी हो गया। जिसे उन्होंने समझा बुझा कर निपटा दिया था, लेकिन कोई यह नहीं जानता था कि वह जालसाज है।तीन लोगों का बड़ा गैंग
एसटीएफ के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े तीनों आरोपी इस गैंग को चला रहे थे। आनंद ने 2019 में अनामिका के मार्कशीट सॢटफिकेट पुष्पेंद्र को दिए थे। आनंद ने एक और अभ्यर्थी प्रीति यादव के दस्तावेज गिरोह को दिए थे। इन सॢटफिकेट पर रामनाथ ने फर्जी दस्तावेज को तैयार कराया और दो-दो लाख रुपया लेकर भॢतयां कराई।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments