Monday, January 13, 2025
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSआम के पेड़ में बौर आने से बागबानों के चेहरों पर ख़ुशी

आम के पेड़ में बौर आने से बागबानों के चेहरों पर ख़ुशी

फर्रुखाबाद:(कमालगंज)  फलों के राजा आम की फसल ने बागबानों के चेहरों पर रौनक बिखेर दी है। आम के पेड़ों में बौर के लदान को देखकर बागवान इस बार अंदाजा लगा रहा है कि फसल से मोटा मुनाफा कमाया जा सकेगा। आम के पेड़ अबकी बौर से पूरी तरह ढक गए हैं।जिले के भोजपुर, याकूतगंज, कायमगंज क्षेत्र में कई गांवों में बागवानों ने आम की बागवानी व्यावसायिक तौर पर की है। अधिकांश किसानों ने अपने बाग में भारी मात्रा में कलमी आम चौसा, लंगड़ा, सफेदा, दशहरी, सेंदुरवा, फजली, सुंदरी के साथ मलिहाबादी आम के पौधों को लगाया है। इन क्षेत्रों में वसंत ऋतु के आगमन के बाद से आम के देसी व अन्य प्रजातियों के पेड़ों में बौर लद गया है। क्षेत्र के आम उत्पादक बागबानआम के पेड़ पर पर्याप्त बौर होने से संतुष्ट नजर आ रहे हैं। आम के बगीचों में पेड़ों की रखवाली करने के साथ पेड़ों की देखरेख की जा रही है।
पक्षियों को बौर से दूर रख उन्हें भगाया जा रहा है। पक्षी पेड़ पर लगे बौर को काटकर झाड़ देते हैं। भोजपुर  निवासी बागबान आबीर खां नें बताया कि ने बताया कि बेहतर मौसम के कारण हाईब्रिड और देशी पेड़ों में इस साल अच्छे बौर होने से इस बार उन्हें अच्छी फसल की उम्मीद है। बागबान  इत्तीयाक निवासी ढपरपुर ने बताया कि सावधानी के तौर पर पेड़ों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। मौसम का रुख अभी तक आम की फसल के पक्ष में है।
शुरुआती आवक में मिलती अच्छी कीमत
जिले के लगभग सभी ब्लाकों में आम के पेड़ व बगीचे हैं। देशी और कलमी आम की प्रजाति का उत्पादन अगर अच्छा होगा तो बाजार में आवक के समय किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद है।
तेज बारिश से हो सकता नुकसान
हल्की बूंदा-बांदी के साथ नम मौसम आम की फसल के लिए बेहतर मुफीद साबित होता है। वहीं आंधी के साथ तेज बारिश आम की फसल के लिए बेहतर नुकसानदायक होती है। बागवानों को चिंता है कि यदि तेज बारिश होती है तो आम में फंगस लग सकता है। इस रोग से 30 से 40 प्रतिशत फसल तबाह हो सकती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments