खाद्यान्न घोटाले में अब तक सिर्फ दो धान मिल मालिकों के विरुद्ध एफआईआर

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*विपणन सहायक व लिपिक के निलंबन की संस्तुति

फर्रुखाबाद,  जिलाधिकारी के आदेश पर शरू हुई राजेपुर एसएमआई गोदाम और तीन धान मिलों की जांच में मिली गड़वड़ियों के क्रम में शुक्रवार को दो धान मिल मालिकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गयी है। एसएमआई गोदाम पर तैनात विपणन सहायक व लिपिक के विरुद्ध निलंबन की संस्तुति कर दी गयी है। डिप्टी आरएमओ के विरुद्ध भी शासन को लिखा जायेगा।

विदित है कि जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल के आदेश पर राजेपुर विपणन गोदाम की जांच में 1338 बोरी खाद्यान्न कम निकलाने के बाद से ही कार्वाई तय मानी जा रही थी। प्रशासन ने इतनी अधिक मात्रा में खाद्यान्न कम निकलने पर आस-पास की तीन धान मिलों को भी सील कर दिया था। इन धान मिलों के स्टाक सत्यापन में भी गड़बड़ी निकलने पर मामला साफ हो गया। उल्लेखनीय है कि JNI ने गुरुवार को विस्तृत एडीटोरियल में FCI, RICE MILL और मार्केटिंग विभाग के खेल का खुलासा किया था। यद्यपि विभागीय अधिकारी अभी भी मामले की लीपापोती के प्रयास में लगे थे परंतु डीएम के आदेश पर शुक्रवार को पूर्ति निरीक्षक मन्ना सिंह की ओर से जय बालाजी राइस मिल व एसआर राइस मिल के मालिकों सुशील कुमार उर्फ़ पप्पू व मूलचंद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गयी है। राजेपुर एसएमआई गोदाम पर तैनात विपणन सहायक रामऔतार और लिपिक महेंद्र कुमार शुक्ला के विरुद्ध निलंबन की संस्तुति कर दी गयी है। इस मामले में सुबह ही लिपिक महेंद्र शुक्ल अपने कई साथियो के साथ अपना पक्ष रखने जिलाधिकारी के पास भी गए थे| महेंद्र शुक्ल का कहना है कि सारी गड़बड़ी रामऔतार और डिप्टी आर एम् ओ यादराम की मिलीभगत से होती है, उनके (महेंद्र शुक्ल) के पास कई पटल है और उन्हें राजेपुर में अतरिक्त कार्य देखने हेतु रखा गया था| उन्होंने बताया की गोदाम की चाबी भी रामऔतार के पास रहती थी|

संभागीय खाद्य नियंत्रक कानपुर वीपी वर्मा ने बताया कि रामऔतार द्विवेदी और महेंद्र कुमार शुक्ला के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की जा रही है। डिप्टी आरएमओ याद राम की इस संबंध में आयी रिपोर्ट के भ्रामक होने पर स्पष्ट आख्या भेजने के निर्देश दिये गये हैं। श्री वर्मा ने बताया कि शिथिलता के लिये यादराम को भी हटाने की संस्तुति की जायेगी।