फर्रुखाबाद: देश महात्मा गाँधी की जयंती मना रहा है| जिले में भी सुबह से गाँधी जयंती के कार्यक्रम आयोजित होने शुरू हो गये| लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे की महात्मा गाँधी जनपद में कब आये थे| लेकिन आप को बता दें की फर्रुखाबाद के साथ गाँधी जी का गहरा सम्बन्ध रहा| आजादी के अलख को जगाने ले लिए वह तीन बार फर्रुखाबाद आये और उन्होंने रेलवे रोड स्थित सरस्वती भवन में जनसभा को सम्बोधित किया था| गाँधी जी के साथ में ही आचार्य कृपलानी, कस्तूरबा गांधी और मौलाना शौकत अली भी आये|
इतिहास के पन्ने इस बात के गबाह है कि आजादी के दीवाने महात्मा गांधी का जनपद में आगमन कब हुआ| वरिष्ठ इतिहासकार डा. रामकृष्ण राजपूत के अनुसार आजादी की मुहिम में हिंदू व मुसलमानों को एक साथ जोड़ने के लिए वर्ष 1919 में असहयोग व खिलाफत आंदोलन शुरू किया तो उसकी कमान दरगाह हुसैनिया मुजीबिया के तत्कालीन सज्जादा नशीन हजरत फरखुद अली उर्फ फुंदनमियां को सौंपी थी। वहीं उनके साथ जाने-माने क्रांतिकारी नेता मौलाना मोहम्मद अली भी फर्रुखाबाद आए थे।
22 सितंबर 1929 को भी गांधी जी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ यहां आए थे। उस वक्त गांधीजी के आने का उद्देश्य आधी आबादी (महिलाओं) की आजादी के आंदोलन में भागीदारी बढ़ाना था। उनकी प्रेरणा से सैकड़ों महिलाएं भी आजादी की इस जंग में कूद पड़ीं।इसी दौरान महात्मा गांधी जी ने तीसरी बार फर्रुखाबाद का दौरा किया। उस दौरे में उनके साथ आचार्य कृपलानी भी आए थे। तब महान क्रांतिकारी नेता कालीचरण टंडन, श्रीकृष्ण मल्होत्रा, ब्रजकिशोर ने गांधी जी से प्रेरणा लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ दिया। उसी दौरान गांधी जी के आमद का रेलवे रोड का सरस्वती भवन गवाह बना।