फर्रुखाबाद: 29 सितंबर से नवरात्र शुरू होने वाले हैं, इसे लेकर बाजार भी तैयारी में जुट गया है। द़ुकानदारों ने माता की पूजा सामग्री से लेकर उनकी पोशाक और श्रृंगार का सामान लाना शुरू कर दिया है। अब उनको सिर्फ पितृपक्ष बीतने के बाद बाजार में रौनक आने की उम्मीद है।
लाल पोशाक और श्रृंगार की महत्ता
नवरात्र में मां दुर्गा को नौ दिन तक लाल पोशाक और श्रृंगार का सामान चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि माता को लाल रंग बहुत प्रिय है। इस बार भी नवरात्र में मां दुर्गा के लिए लाल, ऑरेंज ग्रीन और ब्लू पोशाक के अलावा चुनरी, श्रृंगार का सामान, चूड़ी, त्रिशूल, अखंड दीप और छत्र की मांग है। पोशाक में इस बार जरी और गोटे वर्क वाली पोशाक है। जरी की छोटी पोशाक सौ रुपये से पांच सौ रुपये तक है। वहीं माता के मुकुट भी जरी के अलावा स्टोन और मोती वर्क में है। बड़ी मूर्तियों के लिए मुकुट की कीमत पांच रुपये से 1500 रुपये तक है। साथ ही माता की नथ और रंग-बिरंगे स्टोन वाला माथा टीका भी श्रृंगार का खास हिस्सा बना हुआ है। जिसकी कीमत 80 से 350 रुपये तक है।
माता की चुनरी
नवरात्रों में माता को चुनरी चढ़ाने का विशेष महत्व है। इसलिए बाजार में इस बार माता की लाल चुनरी में सितारा वर्क, गोटा पत्ती वर्क, जरदोजी वर्क, जरी वर्क और मोती वर्क खास है। छोटी चुनरी की कीमत जहां 20 रुपये से 150 रुपये तक है, वहीं बड़ी चुनरी 200 रुपये से हजार रुपये तक है।
खूब बिक रहे पीतल और मिट्टी की मूर्तियां
नवरात्र में भक्त घर में माता की मूर्ति स्थापित करते हैं। बुढ़ाना गेट स्थित मूर्तियों के विक्रेता संजीव जैन का कहना है कि इस बार बाजार में पीतल की छोटी मूर्ति 200 से हजार रुपये तक बिक रही हैं। वहीं पीतल की बड़ी मूर्तियों के लिए 1200 से पांच हजार रुपये तक खर्च करने होंगे। इस बार मिट्टी और जर्मन सिल्वर या व्हाइट सिल्वर की मूर्तियां भी खूब पसंद की जा रही है। यह 200 से दो हजार रुपये तक है। वहीं माता को चढ़ने वाले छत्र भी चांदी और पीतल दोनों में ही उपलब्ध है। जिनकी शुरुआत पांच सौ रुपये से हैं।