फर्रुखाबाद: नगर के मोहल्ला जोगराज स्थित श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर में बीते 3 सितम्बर से 12 सितम्बर तक दशलक्षण महापर्व की पूजा धूमधाम से मनायी गयी| इस दौरान कहा गया कि धर्म मार्ग पर चलने से ही कल्याण होगा|
कन्हैया लाल जैन ने बताया कि आत्मा का सहज स्वभाव ही धर्म है| उत्तम क्षमा, सत्य, सोच, संयम, तप व त्याग की ब्रह्मचर्य है| धर्म के इस लक्षणों एवं अंगों की सामाजिक प्रासंगिक भी है| जैन धर्म में दशलक्षण महापर्व आत्मा शुद्धि साधना हेतु हर वर्ष मनाया जाता है| जिससे समीक्षात्मक रूप से अपने जाने-अंजाने व व्यवस्था में किये गये मन, वचन व कायिक आचरण आलोचना की जाती है, प्रतिक्रमण किया जाता है तथा भविष्य में इनका जीवन में दोहरावीकरण न हो|
ब्रह्मचारिणी मंजू के सानिध्य में इंद्रों के रूप में सजे कन्हैया लाल जैन, कमल जैन, विकास जैन, अभिषेक जैन, नीरज जैन नें भगवान शांतिनाथ वृहद शांति धारा अभिषेक पूजन किया| इसके पश्चात अष्ट द्व्यों से जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेध, दीप, धूप, फल से पूजा की गयी| सुरेन्द्र सफ्फड, कमल कुमार जैन, नीरज जैन, साधना जैन, आकांक्षा जैन, प्रवीण जैन आदि रहे|