Sunday, January 12, 2025
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSयूपी टीईटी: सुप्रीम कोर्ट से 50 हजार से अधिक शिक्षकों को बड़ी...

यूपी टीईटी: सुप्रीम कोर्ट से 50 हजार से अधिक शिक्षकों को बड़ी राहत, हाईकोर्ट का फैसला पलटा

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के करीब 50 हजार शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 30 मई 2018 के आदेश को निरस्त कर दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त कर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के 50 हजार से अधिक सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन लोगों का टीईटी रिजल्ट पहले आया और बीएड या बीटीसी का रिजल्ट बाद में आया उनका टीईटी प्रमाण पत्र वैध नही माना जाएगा। हाई कोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट कहा यह फैसला 2011 और उसके बाद उत्तर प्रदेश में हुए सभी टीईटी परीक्षाओ और नियुक्तियों पर लागू होता है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद से करीब 50 हजार से अधिक सहायक शिक्षकों की नौकरी जाने की आशंका थी, लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। हाई कोर्ट के निर्णय से सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत और 2012 से 2018 के बीच नियुक्त 50 हजार से अधिक उन शिक्षकों को राहत मिली है जो हाई कोर्ट के आदेश से प्रभावित हो रहे थे। हाईकोर्ट के आदेश की वजह 2012 के बाद प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक व उर्दू भर्ती के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षक प्रभावित हो रहे थी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 मई के अपने आदेश में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा था कि जिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है उनका चयन निरस्त कर दें। इस मसले पर अब तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। एक अनुमान के अनुसार ऐसे शिक्षकों की संख्या 50 हजार से अधिक है जिनका ट्रेनिंग का परिणाम टीईटी के बाद घोषित हुआ था। इस आदेश का असर वर्तमान में चल रही 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती पर भी पडऩे वाला था।
एक अनुमान के अनुसार ऐसे शिक्षकों की संख्या 50,000 से अधिक है, जिनका ट्रेनिंग का परिणाम टीईटी के बाद घोषित हुआ था। इस आदेश का असर वर्तमान में चल रही 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती पर भी पडऩे वाला था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसमें चयनित शिक्षकों का कहना था कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) के लिए 4 अक्टूबर 2011 और 15 मई 2013 को जारी शासनादेश में इस बात का जिक्र नहीं था कि जिनके प्रशिक्षण का परिणाम टीईटी के बाद आएगा उन्हें टीईटी का प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments